सप्ताह में 60 घंटे से अधिक काम करने का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव संभव: समीक्षा |

सप्ताह में 60 घंटे से अधिक काम करने का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव संभव: समीक्षा

सप्ताह में 60 घंटे से अधिक काम करने का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव संभव: समीक्षा

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Modified Date: January 31, 2025 / 03:37 PM IST
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Published Date: January 31, 2025 3:37 pm IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) सप्ताह में 70-90 घंटे तक काम करने को लेकर जारी बहस के बीच शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा ने अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि इसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

समीक्षा में कहा गया कि अपने डेस्क पर लंबे समय तक समय बिताना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और जो व्यक्ति डेस्क पर प्रतिदिन 12 घंटे या उससे अधिक समय बिताता है, उसे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ता है।

समीक्षा में पेगा एफ, नफ्राडी बी (2021) और डब्ल्यूएचओ/आईएलओ के कार्य-संबंधी रोग के संयुक्त अनुमानों का हवाला देते हुए कहा गया, ‘‘काम पर बिताए गए घंटों को आमतौर पर उत्पादकता का एक उपाय माना जाता है, लेकिन पिछले अध्ययन ने साफ है कि सप्ताह में 55-60 घंटे से अधिक काम करने का सेहत पर प्रतिकूल असर हो सकता है।’’

सैपियन लैब्स सेंटर फॉर ह्यूमन ब्रेन एंड माइंड के एक अध्ययन का हवाला देते हुए, आर्थिक समीक्षा में कहा गया, ‘‘अपने डेस्क पर लंबे समय तक बैठना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जो व्यक्ति डेस्क पर 12 या उससे अधिक घंटे बिताते हैं, उन्हें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।’’

भाषा पाण्डेय अजय

अजय अनुराग

अनुराग

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)