नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) राज्य विधिक माप-तौल विभागों और उनके पोर्टलों को एकीकृत राष्ट्रीय प्रणाली से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय विधिक माप-तौल पोर्टल (ई-मैप) विकसित किया जा रहा है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बुधवार को एक बयान में कहा कि इस पहल का उद्देश्य ‘‘लाइसेंस जारी करने, सत्यापन करने और प्रवर्तन और अनुपालन के प्रबंधन के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है।’’
केंद्रीकृत डेटाबेस बनाकर, यह पोर्टल अंशधारकों को कई राज्य पोर्टलों पर पंजीकरण करने की आवश्यकता को समाप्त करता है, जिससे व्यापार करने में आसानी होती है और व्यापार तौर-तरीकों में पारदर्शिता आती है।
मौजूदा समय में, राज्य सरकारें पैकबंद वस्तुओं के पंजीकरण, लाइसेंस जारी करने और तौल एवं माप उपकरणों के सत्यापन व मुद्रांकन के लिए अपने स्वयं के पोर्टल का उपयोग कर रही हैं।
हालांकि, प्रवर्तन गतिविधियां और अपराधों का समाधान आदि ऑनलाइन नहीं हैं।
बयान में कहा गया है, ‘‘इसलिए, उपभोक्ता मामले विभाग सभी राज्य पोर्टलों को राष्ट्रीय विधिक माप-तौल पोर्टल ‘ई-मैप’ के रूप में एकीकृत कर रहा है, जिसमें प्रवर्तन सहित विधिक माप-तौल के सभी कार्य शामिल होंगे और एकीकृत डेटा बेस प्राप्त करने में मदद मिलेगी।’’
भाषा राजेश राजेश रमण
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