मुंबई, दो अक्टूबर (भाषा) कंपनियों को एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) विशेषज्ञता वाली महिला प्रतिभाओं को खोजने में संघर्ष करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि पारिवारिक समर्थन की कमी और शिक्षा की ऊंची लागत लड़कियों को इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने से हतोत्साहित करती है।
समर्थन की कमी सहित सामाजिक और सांस्कृतिक कारणों से एसटीईएम शिक्षा में स्त्री-पुरुष के बीच काफी अंतर नजर आता है।
कार्यबल समाधान प्रदाता एनएलबी सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सचिन अलग ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हालांकि, शिक्षा की उच्च लागत कभी-कभी एक कारक हो सकती है, लेकिन बड़ा मुद्दा छोटी उम्र से प्रोत्साहन की कमी, सीमित रोल मॉडल और एसटीईएम क्षेत्रों में प्रवेश करने वाली महिलाओं के लिए पर्याप्त समर्थन नहीं होना है।”
उन्होंने कहा कि इससे कंपनियों के लिए एसटीईएम क्षेत्र से सही महिला प्रतिभाओं को ढूंढना कठिन हो रहा है, तथा स्त्री-पुरुष विविधता का अभाव जटिल व्यावसायिक समस्याओं को सुलझाने के लिए रचनात्मकता, नवोन्मेषण और विभिन्न दृष्टिकोणों को सीमित कर रहा है।
इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए कारोबारी प्रक्रिया में घरेलू सॉफ्टवेयर समाधान प्रदाता टैली सॉल्यूशंस की कार्यकारी निदेशक नूपुर गोयनका ने कहा कि एसटीईएम क्षेत्र में स्त्री-पुरुष अनुपात में बहुत बड़ा अंतर है, क्योंकि ऊंची शिक्षा तक पहुंच अधिकार के बजाय ‘विशेषाधिकार’ है।
उन्होंने बताया कि टैली सॉल्यूशंस स्कूलों और कॉलेजों में युवा लड़कियों से बात कर उन्हें एसटीईएम क्षेत्र में चुनने और उसमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है।
गोयनका ने कहा, “मेरा मानना है कि हर कंपनी को योग्यता और प्रतिभा से समझौता किए बिना समान अवसर पर ध्यान देना चाहिए।”
भाषा अनुराग अजय
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