नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) देश में वायरलेस डेटा उपयोग से राजस्व वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 22 प्रतिशत बढ़कर 1.74 लाख करोड़ रुपये हो गया। दूरसंचार नियामक ट्राई की एक रिपोर्ट में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में वायरलेस डेटा सेवाओं से राजस्व 1.43 लाख करोड़ रुपये था।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सालाना दूरसंचार सेवा प्रदर्शन संकेतक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘वायरलेस डेटा उपयोग से कुल राजस्व वर्ष 2022-23 में 21.63 प्रतिशत बढ़कर 1,74,144 करोड़ रुपये हो गया जो 2021-22 में 1,43,169 करोड़ रुपये था।
वायरलेस डेटा राजस्व उपयोग में वृद्धि मुख्य रूप से उपयोगकर्ता आधार में बढ़ोतरी के कारण हुई है।
दूरसंचार सेवा प्रदाताओं का सकल राजस्व वित्त वर्ष 2022-23 में 19.94 प्रतिशत बढ़कर वित्त 3.33 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया जो 2021-22 में 2.78 लाख करोड़ रुपये था।
हालांकि, समायोजित सकल राजस्व वित्त वर्ष 2022-23 में 14.17 प्रतिशत बढ़कर 2.49 लाख करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले 2021-22 में 2.18 लाख करोड़ रुपये था।
लाइसेंस शुल्क के रूप में सरकार का संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 में 13.2 प्रतिशत बढ़कर 19,954 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 17,627 करोड़ रुपये था।
वित्त वर्ष 2022-23 में टेलीफोन ग्राहकों का आधार बढ़कर 117.2 करोड़ हो गया, जो एक साल पहले 116.69 करोड़ था।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हालांकि, भारत में कुल दूरसंचार-घनत्व मार्च, 2022 के अंत के 0.44 प्रतिशत घटकर मार्च, 2023 के अंत में 84.51 प्रतिशत रहा जो 2021-22 में 84.88 प्रतिशत था।
भाषा रमण अजय
अजय
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