Ban on Paytm Payments Bank : नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक स्कूल शिक्षक के बेटे विजय शेखर शर्मा इस बात से प्रभावित हुए कि जैक मा का अलीबाबा समूह डेस्कटॉप कंप्यूटर के बजाय स्मार्टफोन पर अधिक ध्यान दे रहा था। आगे चलकर उन्होंने एक डिजिटल भुगतान कंपनी बनाई, जो भारतीयों को अपने मोबाइल फोन से सब्जी या सिनेमा टिकट खरीदने या बिजली, पानी के बिलों का भुगतान करने का विकल्प देती थी। इसके बाद उन्होंने एक मोबाइल मार्केटप्लेस बनाने की योजना बनाई, जहां माचिस से लेकर आईफोन तक हर तरह का सामान ऑनलाइन खरीदा-बेचा जा सकता था।
Ban on Paytm Payments Bank : हालांकि, अब वह अपने कारोबारी जीवन के सबसे बड़े संकट का सामना कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को निर्देश दिया है कि वह अपने ज्यादातर कारोबार को रोक दे। ऐसे में कंपनी अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है।
आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी, 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार नहीं करने का निर्देश दिया है। आरबीआई ने इसके पहले 11 मार्च, 2022 को पीपीबीएल को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक दिया था।
पेटीएम वॉलेट के ग्राहक तबतक इसका उपयोग कर सकते हैं, जबतक कि उनकी शेष राशि खत्म न हो जाए। वे 29 फरवरी के बाद इसमें राशि नहीं जोड़ सकेंगे। यदि आरबीआई नरम नहीं पड़ा, तो पेटीएम वॉलेट के लिए टॉप-अप बंद हो जाएगा और इसके माध्यम से लेनदेन नहीं किया जा सकेगा।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) की सहयोगी इकाई है। वन97 कम्युनिकेशंस के पास पीपीबीएल की चुकता शेयर पूंजी (सीधे और अपनी सहायक कंपनी के माध्यम से) का 49 प्रतिशत हिस्सा है। बैंक में विजय शेखर शर्मा की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
पेटीएम वॉलेट उपयोगकर्ता 29 फरवरी तक लेनदेन जारी रख सकते हैं। हालांकि, 29 फरवरी के बाद वे अपनी मौजूदा शेष राशि का इस्तेमाल तबतक कर सकेंगे, जब तक कि यह खत्म न हो जाए। ग्राहक 29 फरवरी के बाद वॉलेट में कोई पैसा नहीं जोड़ पाएंगे।
इस समय 20 से अधिक बैंक और गैर-बैंकिंग संस्थाएं वॉलेट सेवा देती हैं। इनमें मोबिक्विक, फोनपे, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, अमेजन पे प्रमुख हैं। इसी तरह एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, आईडीएफसी, एयरटेल पेमेंट्स बैंक जैसे 37 बैंक फास्टैग सेवा देते हैं। ग्राहक अपने बैंक के मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग या गूगल पे और फोनपे जैसे तीसरे पक्ष के ऐप से फास्टैग को रिचार्ज कर सकते हैं।
बैंकिंग नियामक लगातार गड़बड़ी की ओर इशारा कर रहा था। सूत्रों के अनुसार, धन शोधन की चिंताओं और लोकप्रिय वॉलेट पेटीएम और इसकी कम चर्चित बैंकिंग इकाई के बीच सैकड़ों करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन के कारण भारतीय रिजर्व बैंक को विजय शेखर शर्मा की संस्थाओं पर शिकंजा कसना पड़ा।
पेटीएम प्रबंधन ने कहा है कि पीपीबीएल व्यवसाय जारी रखने के लिए आरबीआई के साथ चर्चा कर रहा है और उनके निर्देशों का पालन करने को तैयार है।