नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उसने मॉरीशस स्थित एक कंपनी के पक्ष में दिए गए मध्यस्थता आदेश को चुनौती दी थी।
मध्यस्थता आदेश में कहा गया था कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जिन कर प्रोत्साहनों का वादा किया था, उसका भुगतान करे।
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के 12 जुलाई के आदेश को बरकरार रखा। पीठ ने साथ ही कहा, ”नागरिकों को धोखा नहीं दिया जा सकता।”
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में राज्य सरकार को एसेक्स डेवलपमेंट इन्वेस्टमेंट्स (मॉरीशस) लिमिटेड के पक्ष में लगभग 2,063 करोड़ रुपये जमा करने के मध्यस्थता आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
भाषा अजय पाण्डेय
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