(थिरुमोय बनर्जी)
नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) इस वर्ष जहां उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी तथा राधिका मर्चेंट की 5,000 करोड़ रुपये की शादी चकाचौंध रही वहीं आम लोगों के लिए इस खास दिन का जश्न मनाना महंगा हो गया है।
मध्यम वर्ग और उच्च मध्यम वर्ग ने हालांकि इस साल शादी-ब्याह पर काफी खर्च किया और 2020-2021 में शादी के बाजार में आई मंदी अब अतीत की बात प्रतीत होती है।
जस्टडायल की दिसंबर में जारी रिपोर्ट के अनुसार, महानगरीय शहरों में विवाह सेवाओं की मांग में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसमें राष्ट्रीय राजधानी में विवाह संबंधी खोजों में 44 प्रतिशत और रिजॉर्ट स्थल खोजों में चार गुना वृद्धि हुई।
विवाह संबंधी सभी योजनाएं मुहैया कराने वाले वेडमीगुड के सर्वेक्षण के अनुसार, इस वर्ष नवंबर तक विवाह बजट में सालाना आधार पर 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। औसत खर्च 35.6 लाख रुपये रहा है।
वेडमीगुड अपने वेब तथा ऐप मंच पर मासिक आधार पर 18 लाख उपयोगकर्ताओं को सेवाएं प्रदान करता है।
अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) द्वारा साझा किए गए आंकड़े भी इसी तरह की प्रवृत्ति का संकेत देते हैं।
सीएआईटी के संस्थापक एवं महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में बताया कि 2022 में औसत शादी का खर्च लगभग 20 लाख रुपये था, 2023 में यह बढ़कर 25 लाख रुपये हो गया, जबकि इस साल यह बढ़कर 30 लाख रुपये प्रति शादी हो गया।
सोने और आभूषणों की कीमतें भी वर्ष भर बढ़ीं, जो शादी-ब्याह पर होने वाले खर्चों के संबंध में मानसिकता में आए बदलाव को दर्शाती हैं।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में देश का सोने का आयात चार गुना बढ़कर 14.86 अरब डॉलर हो गया।
जनवरी में सोने की कीमतें 63,500 रुपये प्रति 10 ग्राम थीं, जो दिसंबर में 80,000 रुपये के आसपास हैं।
आंकड़ों के अनुसार, आयात में वृद्धि मुख्य रूप से त्यौहार और शादी की मांग के कारण हुई।
आभूषण विक्रेताओं ने कहा कि इस वर्ष केवल सोना ही नहीं, बल्कि वैकल्पिक आभूषणों की मांग भी बढ़ी है।
अमलतास ज्वेल्स की संस्थापक शीतिका टंडन ने कहा, ‘‘ चूंकि सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, इसलिए भारतीय आभूषण विक्रेता उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव देख रहे हैं खासकर शादी-ब्याह में … इस साल ग्राहकों ने हल्के, बहुमुखी डिजाइन तथा प्रयोगशाला में तैयार हीरे व रत्न आभूषण जैसे विकल्पों को चुना।’’
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण 2020 और 2021 में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ खंड ने भी जोरदार वापसी की है।
वेडमीगुड के अनुसार, हर चार में से एक शादी गृहनगर से बाहर किसी अन्य गंतव्य पर हुई।
वेडमीगुड की संस्थापक महक शाहनी ने कहा कि शादियों में 2022 में इस खंड की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत थी, जो 2023 में बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई और इस साल बढ़कर 26 प्रतिशत हो गई।
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा
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