नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को कहा कि भारत में शादी-विवाह से संबंधित उद्योग में व्यापक संभावनाएं हैं और यह आर्थिक वृद्धि को तेजी देने वाला एक प्रमुख चालक बनने के लिए तैयार है।
शेखावत यहां उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) की तरफ से आयोजित पहले ‘विवाह पर्यटन शिखर सम्मेलन एवं प्रदर्शनी’ का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि उम्र के हिसाब से भारत की लगभग 54 प्रतिशत जनसंख्या 30 वर्ष से कम आयु की है। इसके अलावा भारत में परिवारों की आय का एक बड़ा हिस्सा शादियों पर खर्च किया जाता है।
उद्योग मंडल की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, इस कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री ने कहा, ‘अगर हम 25 वर्ष और उससे कम आयु वाली आबादी पर विचार करें, तो देश में लगभग 68 करोड़ लोग अगले कुछ वर्षों में शादी करने के लायक होंगे। इस तरह विवाह उद्योग के लिए अपार संभावनाएं पैदा होती हैं।’
उन्होंने कहा कि विवाह उद्योग देश की आर्थिक वृद्धि का एक महत्वपूर्ण चालक बनने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘यदि हम पर्यटन को विवाह उद्योग के साथ जोड़ते हैं और मौजूदा बुनियादी ढांचे का लाभ उठाते हैं, तो हम इस क्षेत्र की वृद्धि को कई गुना बढ़ा सकते हैं।’
पर्यटन का विकास मिशन मोड में करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप मंत्रालय ने पिछले साल अगस्त में एक महत्वाकांक्षी अभियान शुरू किया था जिसमें भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख विवाह स्थल के रूप में प्रदर्शित करना था।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल कहा था कि देश को ‘मेड इन इंडिया’ की तर्ज पर ‘वेड इन इंडिया’ जैसे आंदोलन की जरूरत है।
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि भारतीय शादियों की भव्यता के साथ गंतव्य वाली शादियों के बढ़ते चलन से पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
जैन ने कहा, ‘वैश्विक विवाह उद्योग का मूल्य 300 अरब डॉलर है, जिसमें अकेले भारत का बाजार 50 अरब डॉलर का है और यह सालाना 20-25 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।’
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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