नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने शनिवार को पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई से मिली सीख के बारे में बात की।
उन्होंने स्वीकार किया कि यह व्यक्तिगत स्तर पर एक भावनात्मक झटका था, जबकि पेशेवर स्तर पर उन्हें जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभाने का सबक मिला।
शर्मा ने बिना किसी लाग-लपेट के कहा, ”मैं कहूंगा कि पेशेवर स्तर पर हमें बेहतर करना चाहिए था, इसमें कोई छिपी बात नहीं है। हमारे ऊपर जिम्मेदारियां थीं, हमें उन्हें और बेहतर तरीके से निभाना चाहिए था।”
शर्मा से 7वें जेआईआईएफ स्थापना दिवस के मौके पर पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कार्रवाई के बारे में पूछा गया था।
शर्मा ने कहा कि वह इससे भी अधिक चुनौतीपूर्ण वक्त से गुजर चुके हैं। उन्होंने कहा, ”जब मैं 2013-14 के आसपास फंड जुटा रहा था, तब हमारे फंड खत्म हो रहे थे… मैंने सोचा कि अगर हम खत्म हो गए तो किसी को कोई परेशानी नहीं होगी। आज यह बात मायने रखती है। एक संस्थापक के रूप में मेरी कंपनी मेरी बेटी की तरह है… एक कंपनी के रूप में हम परिपक्व हो रहे हैं… यह ऐसा है जैसे स्कूल में टॉप करने वाली बेटी किसी प्रवेश परीक्षा के रास्ते में दुर्घटना का शिकार हो गई हो… यह एक ऐसा एहसास है जो थोड़ा व्यक्तिगत, भावनात्मक है।”
उन्होंने आगे कहा, ”…लेकिन मैं कहूंगा कि पेशेवर स्तर पर, हमें बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए था, यह कोई छिपी बात नहीं है। हमारे ऊपर जिम्मेदारियां थीं, हमें उसे बेहतर तरीके से निभाना चाहिए था।”
शर्मा ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा 100 अरब अमेरिकी डॉलर की कंपनी बनाने की है, और वह चाहते हैं कि पेटीएम ब्रांड को वैश्विक स्तर पर भारतीय कंपनी के रूप में पहचाना जाए।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय
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