हमें अपना बुनियादी ढांचा विकसित करने की आवश्यकता : प्रह्लाद जोशी |

हमें अपना बुनियादी ढांचा विकसित करने की आवश्यकता : प्रह्लाद जोशी

हमें अपना बुनियादी ढांचा विकसित करने की आवश्यकता : प्रह्लाद जोशी

:   Modified Date:  August 22, 2024 / 07:17 PM IST, Published Date : August 22, 2024/7:17 pm IST

बेंगलुरु, 22 अगस्त (भाषा) केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत प्रतिभा, जनशक्ति और क्षमता से भरपूर है, इसलिए हमें आगे बढ़ने तथा देश में और अधिक विनिर्माण करने की आवश्यकता है।

जोशी यहां राष्ट्रीय परीक्षण शाला (एनटीएच) में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) परीक्षण सुविधा की आधारशिला रखने के लिए बेंगलुरू में थे।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे जोशी ने कार्यक्रम में कहा, “प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाना बहुत जरूरी है। हमें अपनी प्रणाली, अपना बुनियादी ढांचा विकसित करने की जरूरत है। इस दिशा में, मेरे गृह राज्य में पहली ईवी बैटरी परीक्षण सुविधा खोली जाएगी।”

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार का प्रत्येक निर्णय आपस में जुड़ा हुआ है और यह ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में एक कदम है।

जोशी ने कहा, “उदाहरण के लिए, हमारी योजना 2030 तक भारतीय सड़कों पर 30 प्रतिशत ईवी वाहन लाने की है। लेकिन हम यह भी चाहते हैं कि ईवी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बिजली नवीकरणीय हो, इसलिए हम बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रहे हैं। हम एक करोड़ घरों में निःशुल्क सौर ऊर्जा इकाई लगाने पर ध्यान दे रहे हैं, ताकि हमें नवीकरणीय ऊर्जा तक पहुंच मिल सके।”

उन्होंने एनटीएच से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करके तथा ईवी परीक्षण जैसी अधिक सुविधाएं स्थापित करके अपनी परीक्षण क्षमता में विविधता लाने का भी आग्रह किया।

एनटीएच विभिन्न क्षेत्रों में परीक्षण और गुणवत्ता आश्वासन में अग्रणी रहा है। यह उपभोक्ता मामले विभाग के अधीन कार्य करता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उसे हर संभव सहायता प्रदान करेगी। एनटीएच को पहले ही भारत में सेंट्रल विस्टा और मेट्रो रेल जैसी कुछ प्रतिष्ठित परियोजनाएं मिल चुकी हैं। इसलिए, इसे तीन साल में 100 करोड़ रुपये की कंपनी बनने का लक्ष्य रखना चाहिए।”

मंत्री ने कहा कि बेंगलुरू के अलावा, सरकार की मुंबई और कोलकाता में भी ईवी परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने की योजना है।

भाषा अनुराग रमण

रमण

 

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