नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) गोदाम विकास एवं विनियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीद (ई-एनडब्ल्यूआर) को तरजीह दिए जाने के लिए एक बार फिर रिजर्व बैंक से संपर्क करेगा। सोमवार को पेश संसद की एक समिति की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
ई-एनडब्ल्यूआर एक डिजिटल भंडारण रसीद है जिसे विनियामक प्राधिकरण के दायरे में आने वाले गोदाम जारी करते हैं। इस रसीद का इस्तेमाल वित्तपोषण, व्यापार और निपटान के लिए ‘थ्री-इन-वन’ समाधान के रूप में किया जाता है।
विनियामक प्राधिकरण ने जमानती वित्तपोषण के लिए ई-एनडब्ल्यूआर को अनिवार्य बनाने या कम से कम इस पर आधारित ऋणों को तरजीह देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कई बार संपर्क किया है।
हालांकि आरबीआई ने पंजीकृत गोदामों की कम संख्या को देखते हुए डिजिटल रसीद को तरजीही उपचार देने के अनुरोध को अब तक स्वीकार नहीं किया है। लेकिन उसने ई-एनडब्ल्यूआर के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) सीमा को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये कर दिया है।
संसद की खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण पर स्थायी समिति की तरफ से की गई सिफारिशों पर तैयार सरकार की कार्रवाई रिपोर्ट कहती है, ‘समिति की सिफारिश के अनुरूप डब्ल्यूडीआरए तरजीही समाधान पाने के लिए आरबीआई के साथ फिर से मामला उठाएगा।’
समिति ने सुझाव दिया था कि पंजीकृत गोदामों की संख्या बढ़ने पर डब्ल्यूडीआरए को ईएनडब्ल्यूआर को तरजीही उपचार देने के लिए आरबीआई के साथ प्रयास जारी रखना चाहिए।
नियामक के पास पंजीकृत गोदामों की संख्या फरवरी 2024 तक 5,634 थी।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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