नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) वेदांता समूह राजस्थान में जस्ता और तेल एवं गैस सहित विभिन्न कारोबार में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगा।
वेदांता समूह ने शनिवार को बताया कि उसकी हिंदुस्तान जिंक जस्ता उत्पादन की क्षमता को 12 लाख टन प्रति वर्ष से दोगुना करके 20 लाख टन प्रति वर्ष करने, चांदी की क्षमता को 800 टन से बढ़ाकर 2,000 टन करने तथा 10 लाख टन प्रति वर्ष क्षमता वाला उर्वरक संयंत्र स्थापित करने के लिए 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
वेदांता लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी केयर्न ऑयल एंड गैस क्षमता बढ़ाकर तीन लाख बैरल प्रतिदिन तक करने के लिए 35,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
कंपनी ने बयान में कहा कि वेदांता समूह की इकाई सेरेंटिका रिन्यूएबल्स 10,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विकसित करने के लिए 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, ताकि ऊर्जा रूपांतरण में मदद की जा सके और उच्चतम पर्यावरण मानकों और हरित विनिर्माण को सुनिश्चित किया जा सके।
वेदांता ने उदयपुर क्षेत्र के आसपास गैर-लाभकारी आधार पर लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए पांच करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एक औद्योगिक पार्क स्थापित करने की भी घोषणा की।
वेदांता ने ब्रिटेन में ‘राइजिंग राजस्थान रोड शो’ में भाग लिया, जिसका नेतृत्व राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और राज्य के मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने किया।
बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल से मुलाकात की और समूह द्वारा जस्ता, तेल एवं गैस तथा नवीकरणीय ऊर्जा में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर चर्चा की।
इससे दो लाख से अधिक रोजगार सृजित करने, विभिन्न क्षेत्रों में 500 से अधिक विपणन उद्योगों को विकसित करने तथा आयात प्रतिस्थापन को समर्थन देने में मदद मिलेगी।
अग्रवाल ने कहा, “राजस्थान उन कुछ राज्यों में से एक है, जहां हाइड्रोकार्बन के अलावा जस्ता, सीसा, चांदी, सोना, तांबा, पोटाश, रॉक फॉस्फेट, संगमरमर, विभिन्न प्रकार के उच्च गुणवत्ता वाले पत्थर जैसे महत्वपूर्ण खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।”
वेदांता ने अब तक राजस्थान में 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। इसकी दो प्रमुख कंपनियों हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और केयर्न ऑयल एंड गैस का सबसे बड़ा परिचालन राज्य में है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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