नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) अमेरिका की विभिन्न देशों पर शुल्क लगाने की घोषणा विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन है और देशों को वैश्विक व्यापार निकाय की विवाद निपटान प्रणाली से संपर्क करने का पूरा अधिकार है। विशेषज्ञों ने यह कहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो अप्रैल को भारत और चीन सहित लगभग 60 देशों पर 10-49 प्रतिशत तक के जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की। यह नौ अप्रैल से लागू होगा।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ अभिजीत दास ने कहा कि ये शुल्क स्पष्ट रूप से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों का उल्लंघन करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह एमएफएन (सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र) दायित्वों और दर को लेकर प्रतिबद्धता दोनों का उल्लंघन करता है। डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों को विवाद निपटान प्रणाली से संपर्क करने का पूरा अधिकार है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने शुल्क लगाने के लिए अपने कार्यकारी आदेश में राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर आयात शुल्क लगाने की बात कही है।
विवाद समाधान के लिए शीर्ष मंच, डब्ल्यूटीओ अपीलीय निकाय वर्तमान में कार्य में नहीं है।
अमेरिका कह सकता है कि उसने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रावधान के तहत यह शुल्क लगाया है। लेकिन यह डब्ल्यूटीओ पर निर्भर करेगा कि वह इस दलील को स्वीकार करता है या नहीं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यदि आप कार्यकारी आदेश को देखें, तो अमेरिका ने इसे सही ठहराने के लिए कई तर्क दिये हैं..इसने इसके इर्द-गिर्द एक कहानी गढ़ी है…क्या इसके लिए कानूनी कदम की जरूरत है, यह देखना होगा क्योंकि कुछ देश निश्चित रूप से डब्ल्यूटीओ से संपर्क करेंगे…हमें यह देखना होगा कि यह कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करता है या नहीं।’’
भाषा रमण अजय
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