प्रधानमंत्री से कृषि वैज्ञानिकों को जी-20 दूतावासों में संबद्ध अधिकारी नियुक्त करने का आग्रह |

प्रधानमंत्री से कृषि वैज्ञानिकों को जी-20 दूतावासों में संबद्ध अधिकारी नियुक्त करने का आग्रह

प्रधानमंत्री से कृषि वैज्ञानिकों को जी-20 दूतावासों में संबद्ध अधिकारी नियुक्त करने का आग्रह

:   Modified Date:  October 3, 2024 / 08:07 PM IST, Published Date : October 3, 2024/8:07 pm IST

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) शासी निकाय के एक सदस्य ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जी-20 देशों में भारतीय दूतावासों में कृषि वैज्ञानिकों को दूतावास से संबद्ध अधिकारी के रूप में नियुक्त करने का अनुरोध किया, ताकि वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सके।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में वेणुगोपाल बदरवाड़ा ने ब्राजील जैसे देशों के साथ महत्वपूर्ण समझौतों के बावजूद कृषि सहयोग में सीमित प्रगति पर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने बताया कि आईसीएआर और ब्राजील कृषि अनुसंधान निगम (ईएमबीआरएपीए) के बीच वर्ष 2008 में एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे।

बदरवाड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गोवा में वर्ष 2016 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और ब्राजील के कृषि, पशुधन और खाद्य आपूर्ति मंत्रालय के साथ-साथ ब्राजील के निकाय एबीसीजेड के साथ अतिरिक्त समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए थे।

उनके अनुसार, ब्राजील ने पहले ही नयी दिल्ली में अपने दूतावास में एक कृषि ‘एटैची’ (दूतावास से संबद्ध अधिकारी) की नियुक्ति कर दी है।

उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावासों में वर्तमान में आईएफएस अधिकारी अपने व्यापक व्यापार उत्तरदायित्वों के हिस्से के रूप में कृषि मामलों को संभाल रहे हैं।

बदरवाड़ा ने पत्र में कहा, ‘‘हालांकि, ये अधिकारी अत्यधिक सक्षम हैं, लेकिन उनके पास कृषि और संबंधित क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता नहीं है।’’

इस अंतर को पाटने के लिए, उन्होंने जोर दिया कि आईसीएआर के वैज्ञानिक अपने गहन ज्ञान और अनुभव के साथ, प्रौद्योगिकी विनिमय और टिकाऊ व्यवहार को आगे बढ़ाने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ प्रभावी रूप से सहयोग कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस कदम से भारतीय किसानों और कृषि को सीधे लाभ होगा।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)