मुंबई, चार दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने तत्काल भुगतान प्रणाली के व्यापक प्रसार के लिए बुधवार को ‘यूपीआई लाइट’ में वॉलेट की सीमा को बढ़ाकर 5,000 रुपये और प्रति लेनदेन की सीमा को 1,000 रुपये कर दिया।
यूपीआई लाइट के तहत होने वाले लेनदेन इस हद तक ऑफलाइन हैं कि उनमें ‘प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक’ (एएफए) की जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा लेनदेन से जुड़े अलर्ट भी वास्तविक समय में नहीं भेजे जाते हैं।
ऑफलाइन भुगतान का मतलब ऐसे लेनदेन से है जिसके लिए मोबाइल फोन में इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है।
रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा, ‘यूपीआई लाइट के लिए बढ़ी हुई सीमा 1,000 रुपये प्रति लेनदेन होगी जिसमें किसी भी समय कुल सीमा 5,000 रुपये होगी।’
फिलहाल ऑफलाइन भुगतान में लेनदेन की ऊपरी सीमा 500 रुपये है। इसके साथ किसी भी समय भुगतान साधन पर ऑफलाइन लेनदेन की कुल सीमा 2,000 रुपये है।
रिजर्व बैंक ने ऑफलाइन लेनदेन में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतानों को सुविधाजनक बनाने के लिए जनवरी, 2022 में जारी ‘ऑफलाइन ढांचे’ के प्रावधानों को संशोधित किया।
केंद्रीय बैंक ने इस साल अक्टूबर में यूपीआई लाइट के आफलाइन भुगतान की सीमा बढ़ाने की घोषणा की थी।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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