बड़े निवेश आकर्षित करने को विशेष निवेश क्षेत्र अधिनियम लागू करेगी उत्तर प्रदेश सरकार |

बड़े निवेश आकर्षित करने को विशेष निवेश क्षेत्र अधिनियम लागू करेगी उत्तर प्रदेश सरकार

बड़े निवेश आकर्षित करने को विशेष निवेश क्षेत्र अधिनियम लागू करेगी उत्तर प्रदेश सरकार

:   Modified Date:  July 2, 2024 / 03:32 PM IST, Published Date : July 2, 2024/3:32 pm IST

लखनऊ, दो जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य को 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने और बड़े निवेश आकर्षित करने के लिए प्रदेश में विशेष निवेश क्षेत्र अधिनियम को लागू करने का निर्णय लिया है।

यहां लोकभवन में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस अधिनियम को निर्माण (विनिर्माण के लिए प्रमुख निवेश क्षेत्र) अधिनियम नाम दिया गया है।

एक बयान के मुताबिक इसके माध्यम से देश और दुनिया के बड़े-बड़े निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सकेगा। सरकार के इस निर्णय से कारोबार सुगमता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही आर्थिक विकास को गति मिलेगी, जबकि लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।

मंत्रिपरिषद के इस निर्णय की जानकारी देते हुए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर ने कहा कि राज्य में विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर) विकसित करने के लिए यह अधिनियम बनाया गया है। इस तरह का अधिनियम अभी तक तीन राज्यों… गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक में हैं।

प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार का अधिनियम बनाने का मकसद बड़े-बड़े निवेश क्षेत्र बनाना और उन्हें कानूनी संरक्षण प्रदान करना है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का जो लक्ष्य रखा है, उसके लिए हमें बड़े-बड़े निवेश क्षेत्र बनाने होंगे।

प्रमुख सचिव ने यह भी कहा कि प्रस्ताव के अनुसार उत्तर प्रदेश में कम से कम चार ऐसे विशेष निवेश क्षेत्र बनाए जाएंगे, जो प्रदेश के चारों भौगोलिक क्षेत्रों में होंगे। हमारे पास जमीन उपलब्ध है। यदि आवंटन के लिए ‘लैंड बैंक’ की बात करें तो करीब 20 हजार एकड़ उपलब्ध है।

इसके अलावा, राज्य में औद्योगिक निवेश के अनुकूल परिवेश को बढ़ावा देने के मकसद से भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) एवं एमएसएमई के बीच समझौता ज्ञापन किए जाने को लेकर भी प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दी है।

वित्त एवं संसदीय मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि जिस तरह से राजधानी दिल्ली में भारत मंडपम बना है, उसी तरह लखनऊ और वाराणसी में इस प्रकार का बड़ा सम्मेलन केंद्र बनाया जाएगा जहां एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) से जुड़े लोग अपने-अपने उत्पादों का प्रदर्शित कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से न सिर्फ औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि एमएसएमई से जुड़े लोगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

इसके अलावा, मंत्रिपरिषद ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर 2023 में सेवा से हटाए जाने वाले 2,200 से ज्यादा शिक्षकों को अस्थायी रूप से गैर-सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि गैर-सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिसका असर शिक्षण कार्य पर हो रहा है। ऐसी स्थिति में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सेवा से मुक्त किए गए 2200 से ज्यादा शिक्षकों को अस्थायी तौर पर 25 हजार और 30 हजार रुपए के मानदेय पर पुनर्नियुक्ति का अवसर दिया जा रहा है। जो शिक्षक कक्षा नौ और 10 में पढ़ाएंगे उन्हें 25 हजार और जो लोग कक्षा 11-12 में पढ़ाएंगे उन्हें 30 हजार रुपए दिये जाएंगे।

भाषा जफर खारी रमण

रमण

 

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