नयी दिल्ली । नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार हाल में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का गेहूं जैसी रबी की खड़ी फसलों पर बहुत अधिक असर नहीं हुआ है। हालांकि, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि केंद्र को अभी राज्य सरकारों की ओर से जमीनी वास्तविकता की सूचना मिलना बाकी है। तोमर ने एक कार्यक्रम से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आरंभिक आकलन के मुताबिक रबी की फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है।’’ उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य सरकारें अभी भी खड़ी फसलों को हुए नुकसान का आकलन कर रही हैं।उन्होंने कहा कि फसल सर्वेक्षण कराने के बाद किसानों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकारें राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) का उपयोग कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ज्ञापन सौंपने के बाद राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से और अधिक धनराशि प्रदान कर सकती है।
यह भी पढ़े : नवरात्रि में मां बम्लेश्वरी देवी के दर्शनार्थियों के लिए अहम खबर, सुरक्षा में तैनात किए गए भारी संख्या में जवान
गेहूं प्रमुख रबी फसल है और कुछ राज्यों में इसकी कटाई चल रही है। रबी की अन्य फसलों में सरसों और चना शामिल हैं। पश्चिमी विक्षोभ के कारण बीते तीन दिन से देश के कई हिस्सों में बेसमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलीं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पिछले 24 घंटों में पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम और मेघालय से अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा हुई है। पिछले 24 घंटों में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर में छिटपुट स्थानों पर ओलावृष्टि दर्ज की गई।
यह भी पढ़े : हिंदू नववर्ष में ये ग्रह बदलेंगे अपनी चाल, इन राशि वालों को रहना होगा सावधान, घेर सकती है कंगाली
ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, 23 मार्च को उत्तराखंड और पश्चिमी राजस्थान में और 24 मार्च को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा में अलग-अलग गरज, बिजली, तेज़ हवाएं और ओलावृष्टि की संभावना है। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा था कि सरसों और चने की फसल को लेकर ज्यादा चिंता इसलिए नहीं है क्योंकि ज्यादातर फसल की कटाई हो चुकी है। केला और आलू जैसी फसलें ओले गिरने से कुछ प्रभावित हुई होंगी। सरकार का अनुमान है कि फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन रह सकता है। इस बीच मौसम विज्ञान विभाग ने झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसानों को फसल कटाई रोकने की सलाह दी है। असम में किसानों को फलों और सब्जियों की कटाई स्थगित करने और पहले से ही काटी गई उपज को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए कहा गया है। किसानों से कहा गया है कि वे सिक्किम में मक्के की बुवाई और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में जूट की बुवाई स्थगित करें।
यह भी पढ़े : Ramadan 2023 : शुरू होने वाला हैं अकीदत और इबादत का पाक महीना, जानें कब दिखेगा चाँद, कब से शुरू होगा रमजान?
Follow us on your favorite platform: