शहरी सहकारी बैंकों को डिजिटल रूप से विकसित होने की जरूरत : डिप्टी गवर्नर |

शहरी सहकारी बैंकों को डिजिटल रूप से विकसित होने की जरूरत : डिप्टी गवर्नर

शहरी सहकारी बैंकों को डिजिटल रूप से विकसित होने की जरूरत : डिप्टी गवर्नर

:   Modified Date:  November 14, 2024 / 09:10 PM IST, Published Date : November 14, 2024/9:10 pm IST

नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने बृहस्पतिवार को शहरी सहकारी बैंकों को डिजिटल रूप से विकसित होने, सूचना प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा खामियों को दूर करने जैसे मुद्दों को हल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए परिसमापन प्रक्रिया में सुधार के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

सहकारी समितियों के राज्य पंजीयकों (आरसीएस) के दूसरे सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वामीनाथन ने भारतीय रिजर्व बैंक और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के बीच एक-दूसरे की भूमिकाओं का सम्मान करते हुए समन्वित जुड़ाव के महत्व पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा कि यूसीबी के लिए वित्तीय संकेतकों में सुधार हुआ है। उन्होंने व्यापार, परिसंपत्ति की गुणवत्ता और नकदी में वृद्धि की गुंजाइश का उल्लेख किया।

रिजर्व बैंक ने कहा कि सहकारी समितियों के राज्य पंजीयकों (आरसीएस) के दूसरे सम्मेलन की सह-अध्यक्षता रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव और स्वामीनाथन ने की। इसमें रिजर्व बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)