गुवाहाटी, सात जनवरी (भाषा) टायर विनिर्माता कंपनियां उत्पादकों के कौशल विकास और प्राकृतिक रबड़ की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के मकसद से बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में 100 करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं। टायर निर्माताओं के संघ ने यह जानकारी दी है।
वाहन टायर विनिर्माता संघ (एटीएमए) के चेयरमैन अर्नब बनर्जी ने कहा कि यह पहल प्रोजेक्ट इंडियन नैचुरल रबड़ ऑपरेशंस (आईएनआरओएडी) के हिस्से के रूप में की गई है।
बनर्जी सिएट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) भी हैं। उन्होंने कहा कि आईएनआरओएडी दुनिया में अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसके तहत टायर उद्योग सीधे रबड़ बागानों के विकास में योगदान दे रहा है।
उन्होंने कहा कि इसे एटीएमए के सदस्यों – अपोलो, सिएट, जेके और एमआरएफ द्वारा वित्तीय समर्थन दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल के 94 जिलों में 1,25,272 हेक्टेयर क्षेत्र में नए रबड़ के बागान लगाए गए हैं।
बनर्जी ने कहा कि यह इतने कम समय में देश में अबतक लगाए गए सबसे अधिक रबड़ बागान है।
उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान एक एकड़ से कम भूमि वाले लोगों के बीच रिकॉर्ड 5.3 करोड़ रोपण सामग्री वितरित की गई।
बनर्जी ने कहा कि प्रोजेक्ट इनरोड का उद्देश्य न केवल प्राकृतिक रबड़ का उत्पादन बढ़ाना है, बल्कि इसकी गुणवत्ता भी बढ़ाना है, जिससे उत्पादकों को बेहतर कीमत मिल सके।
उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत डिजिटल माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है और मॉडल स्मोकहाउस और प्रसंस्करण और ग्रेडिंग केंद्र जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण भी किया जा रहा है।
बनर्जी ने सोमवार को असम के गोलपारा जिले में एक महिला सहकारी समिति के लिए इस तरह के पहले मॉडल स्मोकहाउस का उद्घाटन किया।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)