मुंबई, 19 नवंबर (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईओ) जी अनंत नागेश्वरन ने मंगलवार को कहा कि डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति बनना भारत के लिए सकारात्मक हो सकता है, क्योंकि इससे ऊर्जा की कीमतें नियंत्रित रहेंगी।
गौरतलब है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के लिए ऊर्जा बेहद महत्वपूर्ण है।
नागेश्वरन ने खाद्य मुद्रास्फीति पर अपनी चिंताओं को दोहराया और कहा कि अक्टूबर में महंगाई के बढ़े हुए आंकड़ों में सोने और चांदी के साथ ही टमाटर, प्याज तथा आलू की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
उन्होंने एसबीआई के वार्षिक बैंकिंग और आर्थिक सम्मेलन में कहा कि यदि भारत को अगले 25 साल में उच्च गति से बढ़ना है, तो अर्थव्यवस्था को ईंधन देने के लिए ऊर्जा की कीमतें सस्ती होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कार्बन उत्सर्जन के लिहाज से शुद्ध शून्य लक्ष्य महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके लिए आर्थिक वृद्धि भी जरूरी है।
बाकू में हो रहे सीओपी 29 के बीच आई इस टिप्पणी में भारत के वरिष्ठ आर्थिक नीति-र्माता ने पेरिस सम्मेलन में बनी सहमति से हटने के लिए विकसित दुनिया पर निशाना साधा।
नागेश्वरन ने कहा कि अमेरिकी चुनाव में ट्रंप की जीत भारत के लिए मददगार हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि हमारे पास एक ऐसा व्यक्ति है, जो शुद्ध शून्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध नहीं है। ऐसे में भारत जैसे देशों को अपनी वृद्धि आकांक्षाओं के साथ अपने शुद्ध शून्य लक्ष्यों को आगे बढ़ाने की अधिक आजादी मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि नये ट्रंप प्रशासन के तहत वास्तव में नकारात्मक बातों के मुकाबले सकारात्मक बातें अधिक हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण के उच्चस्तर के लिए निजी परिवहन को बहुत अधिक बढ़ावा देने और कृषि क्षेत्र को गलत ढंग से प्रोत्साहन देने जैसे कारक जिम्मेदार हैं।
नागेश्वरन ने कहा, ‘‘हमने परिवहन के निजी साधनों को भारी प्रोत्साहन दिया है और कृषि क्षेत्र से संबंधित नीतियों ने केवल खाद्यान्न – धान और गेहूं – को प्रोत्साहित किया है। इन दोनों बातों ने मिलकर हवा की गुणवत्ता को निचले स्तर पर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
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