मुंबई, 12 दिसंबर (भाषा) भारतीय हवाई अड्डों का कुल पूंजीगत व्यय तीन साल में वित्त वर्ष 2026-27 तक 12 प्रतिशत बढ़कर 60,000 करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
वित्त वर्ष 2022-2024 के दौरान देश के सभी हवाई अड्डों का कुल पूंजीगत व्यय 53,000 करोड़ रुपये रहा है।
क्रिसिल ने कहा कि इससे प्रति वर्ष लगभग 6.5 करोड़ यात्रियों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा जोड़ा जाएगा। इस पूंजीगत व्यय का 70 प्रतिशत कर्ज के माध्यम से वित्तपोषित किए जाने का अनुमान है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि यह रिपोर्ट देश के 11 निजी हवाई अड्डों के अध्ययन पर आधारित है। इन हवाई अड्डों की वित्त वर्ष 2023-24 में कुल यात्री यातायात में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यात्री यातायात में अपेक्षित वृद्धि के अलावा हवाई अड्डा पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर शुल्क और खर्च में वृद्धि से वित्त वर्ष 2024-25 और वित्त वर्ष 2026-27 के बीच निजी भारतीय हवाई अड्डों के राजस्व में औसतन 17 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसके साथ ही बेहतर वित्त पहुंच और एक अनुकूल नियामकीय व्यवस्था निजी हवाई अड्डों की कर्ज लेने की क्षमता का समर्थन करेगी।
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक और उप मुख्य रेटिंग अधिकारी मनीष गुप्ता ने कहा, “भारतीय हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या वित्त वर्ष 2025-2027 के दौरान सालाना आठ से नौ प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
भाषा अनुराग अजय
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