नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) देश में दूरसंचार परिचालकों को डिजिटल बुनियादी ढांचे में किए गए निवेश का लाभ पाने के लिए लेवी में कमी और ‘टैरिफ’ बढ़ाने की जरूरत है। दूरसंचार क्षेत्र के विशेषज्ञों ने यह सलाह दी है।
निजी परिचालकों ने अगली पीढ़ी की 5जी सेवाओं के प्रसार को बढ़ाने के लिए 2024 में दूरसंचार बुनियादी ढांचे और रेडियोवेव परिसंपत्तियों में लगभग 70,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
उनके सामने हालांकि 18 करोड़ 2जी ग्राहकों को जोड़े रखने और समावेशी विकास के लिए उन्हें 4जी में जाने की चुनौती है।
ईवाई इंडिया में दूरसंचार मामलों के प्रमुख प्रशांत सिंघल ने कहा, ”दूरसंचार क्षेत्र में लेवी को तर्कसंगत बनाने की आवश्यकता है। भारत में लेवी बहुत अधिक हैं, जबकि ‘टैरिफ’ अभी भी कम हैं।”
उन्होंने कहा कि अधिक उपयोग वाले ग्राहकों के अधिक भुगतान किए जाने और प्रवेश स्तर के डेटा उपयोगकर्ताओं के मौजूदा दरों पर भुगतान करने से शुल्क संरचना में नवाचार आ सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत में अभी भी 18 करोड़ से ज्यादा 2जी ग्राहक हैं, जिन्हें 2025 में 4जी की ओर बढ़ने की जरूरत है।
सिंघल ने कहा, ”दूरसंचार कंपनियों द्वारा किए गए निवेश डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहे हैं, जिसका पूरे स्टार्टअप ने लाभ उठाया है। अब लेवी को तर्कसंगत बनाकर तथा ‘टैरिफ’ में वृद्धि करके इस क्षेत्र को निवेश पर लाभ मिलने का वक्त आ गया है।”
भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने बार-बार प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) को 300 रुपये के स्तर तक बढ़ाने पर जोर दिया है।
भाषा पाण्डेय रमण
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