भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने का यह सही समय: प्रधानमंत्री मोदी |

भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने का यह सही समय: प्रधानमंत्री मोदी

भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने का यह सही समय: प्रधानमंत्री मोदी

:   Modified Date:  October 25, 2024 / 03:49 PM IST, Published Date : October 25, 2024/3:49 pm IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जर्मनी की कंपनियों को देश में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए शुक्रवार को कहा कि निवेश के लिए भारत से बेहतर कोई जगह नहीं है और देश की विकास गाथा का हिस्सा बनने का यह सही समय है।

प्रधानमंत्री ने ‘एशिया पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस’ के यहां आयोजित 18वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनना, ‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ पहल में शामिल होने का यह ‘सही’ समय है।

उन्होंने कहा, ‘‘ जर्मनी ने भारत के कुशल कार्यबल में जो विश्वास व्यक्त किया है, वह अद्भुत है क्योंकि यूरोपीय राष्ट्र ने कुशल भारतीय कार्यबल के लिए वीजा की संख्या 20,000 से बढ़ाकर 90,000 करने का निर्णय लिया है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘ भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने का यह सही समय है… भारत वैश्विक व्यापार तथा विनिर्माण का केंद्र बन रहा है।’’

उन्होंने कहा कि भारत आज लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, मांग और ‘डेटा’ के मजबूत स्तंभों पर खड़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सड़कों और बंदरगाहों में रिकॉर्ड निवेश कर रहा है। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र दुनिया के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

यह सम्मेलन 12 वर्षों के अंतराल के बाद शुक्रवार को आयोजित किया गया।

मोदी ने कहा कि सरकार ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का ढांचा तैयार किया है और इस महत्वपूर्ण समय में जर्मनी के मंत्रिमंडल ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए ‘भारत पर केंद्रित’ दस्तावेज जारी किया है।

उन्होंने कहा कि भारत विविधीकरण, जोखिम मुक्त, व्यापार तथा विनिर्माण का केन्द्र बन रहा है और यह जर्मनी की कंपनियों को व्यापक व्यावसायिक अवसर उपलब्ध कराता है।

मोदी ने कहा, ‘‘निवेशकों तथा कंपनियों के लिए ‘‘भारत से बेहतर स्थान और क्या हो सकता है?’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के विकास के चार प्रमुख स्तंभ प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, नवाचार और बुनियादी ढांचा हैं। इन सबको आगे बढ़ाने के लिए ‘‘हमारे पास आकांक्षी भारत की शक्ति है।’’

मोदी ने कहा कि भारत कौशल तथा प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। कृत्रिम मेधा, सेमीकंडक्टर, हरित हाइड्रोजन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों से संबंधित इसके महत्वपूर्ण मिशन भी निवेश तथा सहयोग के अवसर प्रदान करते हैं।

उन्होंने कहा कि आने वाले प्रतिनिधिमंडल को भारत की संस्कृति, भोजन और खरीदारी का भी आनंद लेना चाहिए।

भारत और जर्मनी के बीच वर्तमान में द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब डॉलर से अधिक है। जर्मनी की कई कंपनियां भारत में काम कर रही हैं, जबकि भारतीय कंपनियां भी जर्मनी में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही हैं।

भाषा निहारिका रमण

रमण

 

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