रतन टाटा जैसा कोई नहीं था: एन चंद्रशेखरन |

रतन टाटा जैसा कोई नहीं था: एन चंद्रशेखरन

रतन टाटा जैसा कोई नहीं था: एन चंद्रशेखरन

:   Modified Date:  October 14, 2024 / 11:55 AM IST, Published Date : October 14, 2024/11:55 am IST

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सोमवार को कहा कि दिवंगत रतन टाटा ने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि टाटा समूह की कंपनियों में कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवारों की भलाई का भी ध्यान रखा जाए, जिससे समूह में कई नेता तैयार हुए। उन्होंने कहा कि वास्तव में उनके जैसा कोई नहीं था।

पेशेवरों के नेटवर्किंग मंच ‘लिंक्डइन’ पर एक पोस्ट में टाटा (86) के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए उन्होंने लिखा, “जो कोई भी टाटा से मिला, वह उनकी मानवता, गर्मजोशी और भारत के लिए सपनों की कहानी लेकर गया। वास्तव में उनके जैसा कोई नहीं था।”

चंद्रशेखरन ने (दिवंगत) साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद 2017 में टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला था।

उन्होंने कहा कि दिवंगत टाटा के साथ उनका रिश्ता ‘वर्षों में प्रगाढ़ हुआ, पहले यह कारोबार पर केंद्रित था और अंततः अधिक व्यक्तिगत संबंध में विकसित हुआ।’

उन्होंने याद करते हुए कहा, “हमने कारों से लेकर होटलों तक की रुचियों पर चर्चा की, लेकिन जब हमारी बातचीत दूसरे मामलों पर चली गई – रोज़मर्रा की ज़िंदगी की – तो उन्होंने दिखाया कि उन्होंने कितना कुछ देखा और महसूस किया। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें समय के साथ और अनुभव के माध्यम से खोजा जाना था।”

समूह के दिवंगत मानद चेयरमैन द्वारा कर्मचारी कल्याण पर दिए गए जोर को याद करते हुए चंद्रशेखरन ने लिखा, “चेयरमैन बनने के तुरंत बाद, मुझे टाटा मोटर्स के भीतर एक ऐसी स्थिति से परिचित कराया गया, जिसमें कंपनी और कर्मचारी संघ के बीच दो वर्षों से वेतन को लेकर विवाद चल रहा था।”

उन्होंने लिखा, “मार्च 2017 में टाटा और मैंने यूनियन नेताओं से एक साथ मुलाकात की। बैठक के दौरान, टाटा ने तीन संदेश दिए। उन्होंने समाधान खोजने में देरी के लिए खेद व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि कंपनी मुश्किलों से गुज़र रही है। और हम दोनों ने प्रतिबद्धता जताई कि इस विवाद को एक पखवाड़े के भीतर सुलझा लिया जाएगा।”

उनके अनुसार, ‘टाटा का निर्देश पूरी तरह से यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित था कि कर्मचारियों की अच्छी तरह से देखभाल की जाए – न केवल विवाद को सुलझाने के लिए, बल्कि उनके और उनके परिवारों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए’।

भाषा अनुराग

अनुराग

 

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