नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) तीन इकाइयों ने पूंजी बाजार नियामक सेबी को 28.5 लाख रुपये का भुगतान कर एआईएफ एवं अन्य नियामकीय मानकों के उल्लंघन से संबंधित मामले का निपटान कर लिया है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को निपटान शुल्क का भुगतान उत्तिष्ट विराट फंड, उत्तिष्ट मैनेजमेंट एडवाइजर्स एलएलपी और पी राम कृष्ण ने संयुक्त रूप से और कई बार में किया।
वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) नियमों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ सेबी की शुरू होने वाली प्रवर्तन कार्यवाही के निपटारे के लिए इन इकाइयों ने प्रस्ताव दिया था।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अमरजीत सिंह और कमलेश सी वार्ष्णेय ने 20 दिसंबर को जारी अपने आदेश में कहा, ‘‘शक्तियों का प्रयोग करते हुए और निपटान संबंधी नियमों के अनुरूप आवेदकों से जुड़े मामले का निपटान किया जाता है।’’
सेबी ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए उत्थिष्ट विराट फंड के निजी आवंटन ज्ञापन की ऑडिट रिपोर्ट के विश्लेषण से पाया कि 31 मार्च, 2023 तक प्रायोजक का निरंतर हित निवेश योग्य कोष का 2.44 प्रतिशत था जो 2.5 प्रतिशत की अनिवार्य सीमा से कम था।
इसके अलावा सेबी ने यह भी पाया कि फंड के प्रबंधक- उत्थिष्ट मैनेजमेंट एडवाइजर्स एलएलपी – और प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारी (पी राम कृष्ण) भी एआईएफ मानदंडों की आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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