‘डिजिटल भारत निधि’ से अब शहरी क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं का प्रावधान किया जाएगा |

‘डिजिटल भारत निधि’ से अब शहरी क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं का प्रावधान किया जाएगा

‘डिजिटल भारत निधि’ से अब शहरी क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं का प्रावधान किया जाएगा

:   Modified Date:  September 2, 2024 / 01:45 PM IST, Published Date : September 2, 2024/1:45 pm IST

नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) ‘डिजिटल भारत निधि’ अब शहरी क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं के प्रावधान को अतिरिक्त मानदंडों के साथ समर्थन देगी। इसमें ऐसी सेवाओं को किफायती बनाना और उनकी सुरक्षा बढ़ाना शामिल है।

आधिकारिक बयान में सोमवार को इस 80,000 करोड़ रुपये की डिजिटल भारत निधि के विस्तार की जानकारी दी गई।

दूरसंचार अधिनियम 2023 के अंतर्गत इस योजना को पिछले सप्ताह अधिसूचित किया गया था।

बयान में कहा गया, ‘‘ डिजिटल भारत निधि के तहत वित्त पोषित योजनाओं तथा परियोजनाओं को नियमों में निर्धारित एक या अधिक मानदंडों को पूरा करना होगा। इनमें मोबाइल तथा ब्रॉडबैंड सेवाओं सहित दूरसंचार सेवाओं के प्रावधान और दूरसंचार सेवाओं की आपूर्ति के लिए आवश्यक दूरसंचार उपकरण, दूरसंचार सुरक्षा को बढ़ाने, कम सुविधा वाले ग्रामीण, दूरदराज तथा शहरी क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं की पहुंच और सामर्थ्य में सुधार लाने के लिए परियोजनाएं शामिल हैं। ’’

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में सरकार के पास 79,638 करोड़ रुपये का शेष था।

‘डिजिटल भारत निधि’ को पहले यूनिवर्सल सर्विसेज ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) के नाम से पहचाना जाता था, जो पहले केवल ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में नेटवर्क शुरू करने में सहायता करता था।

सरकार ने दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत नवाचार, अनुसंधान व विकास, स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास के व्यावसायीकरण, राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रासंगिक मानकों की स्थापना तथा अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण निकायों द्वारा उनके मानकीकरण, स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने और दूरसंचार क्षेत्र में सतत व हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए निधि के दायरे का विस्तार किया है।

भाषा निहारिका

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