नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) थाईलैंड और इंडोनेशिया ने कुछ उत्पादों पर भारत में अनिवार्य गुणवत्ता नियंत्रण मानदंड लागू किए जाने का मसला विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के समक्ष उठाते हुए कहा है कि ये नियम उनके निर्यात को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि थाईलैंड और इंडोनेशिया ने इन व्यापार चिंताओं को जिनेवा में डब्ल्यूटीओ की वस्तु परिषद की बैठक में उठाया है।
हालांकि भारत ने इस पर कहा है कि वह उत्पादों की गुणवत्ता, उपभोक्ताओं की सुरक्षा और मानव, पशु एवं पौधों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अधिकारी ने कहा कि भारत इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए थाईलैंड और इंडोनेशिया के अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें आयोजित करने पर विचार कर रहा है।
थाईलैंड ने आरोप लगाया है कि वह तांबे के उत्पादों, लकड़ी से बने बोर्ड और टायरों के लिए भारत में मानक चिह्न और आयात लाइसेंस देने में देरी को लेकर चिंतित है। उसने कहा है कि इस देरी की वजह से अनुचित आयात प्रतिबंध लगते हैं।
इंडोनेशिया ने भी भारत के गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) को लागू किए जाने पर चिंता जताते हुए कहा है कि उसके उत्पादों के लिए व्यापार बाधाएं पैदा हो रही हैं।
इस आदेश से प्रभावित होने वाले इंडोनेशियाई आयात में कताई के धागे और कपड़े, प्लाईवुड और लकड़ी के शटर एवं जूते शामिल हैं।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
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