दूरसंचार कंपनियों, सिंधिया में लाइसेंसिंग नियमों से एजीआर, ओटीपी ऐप को बाहर रखने पर चर्चा |

दूरसंचार कंपनियों, सिंधिया में लाइसेंसिंग नियमों से एजीआर, ओटीपी ऐप को बाहर रखने पर चर्चा

दूरसंचार कंपनियों, सिंधिया में लाइसेंसिंग नियमों से एजीआर, ओटीपी ऐप को बाहर रखने पर चर्चा

:   Modified Date:  September 24, 2024 / 07:44 PM IST, Published Date : September 24, 2024/7:44 pm IST

नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) दूरसंचार कंपनियों ने केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बैठक में नए लाइसेंसिंग नियमों पर अपनी सिफारिश में व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग और कॉलिंग ऐप को शामिल न करने के नियामक ट्राई के फैसले पर चिंता जताई है।

सूत्रों ने बताया कि कंपनियों ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) भुगतान से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की।

बैठक में रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी, वोडाफोन-आइडिया (वीआईएल) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अक्षय मूंदड़ा, भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक (एमडी) और सीईओ गोपाल विट्टल और बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) रॉबर्ट जे रवि शामिल हुए।

सूत्र ने बताया, “सभी कंपनियों ने ट्राई द्वारा सेवा प्राधिकरण पर अपनी सिफारिश में ओवर-द-टॉप (ओटीटी) ऐप्स को बाहर रखे जाने पर चिंता जताई। वीआईएल और भारती एयरटेल ने एजीआर का मुद्दा उठाया।”

दूरसंचार कंपनियां लंबे समय से कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप्स (ओटीटी) को दूरसंचार लाइसेंस के दायरे में लाने की मांग कर रही हैं क्योंकि वे किसी भी दूरसंचार कंपनी की तरह कॉलिंग और मैसेजिंग सेवाएं प्रदान करते हैं।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने दूरसंचार कंपनियों की मांग पर ध्यान नहीं दिया और दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत नए लाइसेंसिंग नियमों पर अपनी सिफारिश से इन ऐप को बाहर रखा।

वोडाफोन आइडिया ने एजीआर मुद्दे के कारण उद्योग की सेहत पर पड़ने वाले असर पर अपनी चिंता जताई, जिसका भारती एयरटेल ने भी समर्थन किया।

पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय ने वीआईएल की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वह मानदंडों को पूरा नहीं करती।

वीआईएल पर 70,320 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल पर करीब 21,500 करोड़ रुपये की एजीआर देनदारी है।

बैठक के दौरान सिंधिया ने परेशान करने वाले कॉल और एसएमएस की समस्या पर चर्चा की।

सूत्र ने कहा, “कंपनियों को अनचाहे वाणिज्यिक कॉल को लेकर कुछ चिंता है, जिस पर दूरसंचार विभाग ने ध्यान दिया है।”

भाषा अनुराग अजय

अजय

 

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