नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) कंपनियों के लिए कर छूट और सब्सिडी जैसे वित्तीय प्रोत्साहन के जरिये हरित विनिर्माण गतिविधियों को तेजी से बढ़ावा दिया जा सकता है। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है।
उनका यह भी कहना है कि कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं के माध्यम से पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों को सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रही हैं।
हाई-टेक गियर्स के चेयरमैन दीप कपूरिया ने कहा, ‘‘इसके लिए कंपनियों को जिम्मेदार खरीद, निवेश, ऊर्जा बदलाव, पुनर्चक्रण, वित्तपोषण आदि के माध्यम से अपने पर्यावरण अनुकूल परिचालन में सुधार करने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि आज की तारीख में सभी तरह की कंपनियों के लिए हरित गतिविधियां कारोबारी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
कपूरिया ने कहा, ‘‘भारतीय कंपनियां भी अपनी विस्तार योजनाओं के वित्तपोषण के लिए हरित उपायों से जुड़ी गतिविधियों के लिए कम ब्याज पर कर्ज का लाभ उठा रही हैं। इसके अलावा, देश की बड़ी कंपनियां भी कचरे के पुनर्चक्रण में बड़ा निवेश कर रही हैं।’’
डब्ल्यूओसीई (वर्ल्ड ऑफ सर्कुलर इकनॉमी) के संस्थापक और निदेशक अनूप गर्ग ने कहा कि विनिर्माता अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों और नवीकरणीय ऊर्जा में तेजी से निवेश कर रहे हैं।
इसमें एलईडी लाइटिंग, ऊर्जा दक्ष एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग) प्रणाली और सौर पैनल तथा पवन चक्की जैसे नवीकरणीय ऊर्जा उपायों को अपनाना शामिल है।
गर्ग ने कहा कि सरकारें नियामकीय ढांचे के स्तर पर प्रोत्साहन, सार्वजनिक निजी भागीदारी और जागरूकता के माध्यम से विनिर्माण में पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों का समर्थन कर सकती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हरित प्रौद्योगिकियों और गतिविधियों में निवेश करने वाली कंपनियों के लिए कर छूट, अनुदान और सब्सिडी जैसे वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने की जरूरत है। इससे पर्यावरण अनुकूल विनिर्माण गतिविधियों को अपनाने में तेजी आ सकती है।’’
भाषा रमण अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रुपये में गिरावट से एयर इंडिया के लागत ढांचे पर…
5 hours ago