टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी, केप्पल कम लागत में उपलब्ध कराएंगी ‘कूलिंग’ सेवा |

टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी, केप्पल कम लागत में उपलब्ध कराएंगी ‘कूलिंग’ सेवा

टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी, केप्पल कम लागत में उपलब्ध कराएंगी ‘कूलिंग’ सेवा

:   Modified Date:  October 24, 2024 / 03:08 PM IST, Published Date : October 24, 2024/3:08 pm IST

नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) टाटा पावर की पूर्ण अनुषंगी टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी और सिंगापुर की केप्पल लि. ने ऊर्जा दक्ष और कम लागत में जगह को ठंडा रखने के लिए ‘कूलिंग-एज-ए-सर्विस’ शुरू करने को लेकर गठजोड़ किया है।

दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान में कहा कि इसके तहत जहां पर्यावरण अनुकूल समाधानों में विशेषज्ञता रखने वाली केप्पल उपकरण उपलब्ध कराएगी, वहीं टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी हरित ऊर्जा उपलब्ध कराने के साथ बिजली प्रबंधन का काम देखेगी।

‘कूलिंग-एज-ए-सर्विस’ (सीएएएस) एक कारोबारी मॉडल है। इसके तहत ग्राहक जगह को ठंडा करने के उपकरण और संबंधित बुनियादी ढांचे में निवेश किये बिना भुगतान आधार पर कूलिंग सेवाएं प्राप्त कर सकते है। इस मॉडल में, सेवा प्रदाता कूलिंग उपकरण उपलब्ध कराता है और उसका संचालन करता है और ग्राहक उपयोग के आधार पर इसका भुगतान करता है। इससे कूलिंग की व्यवस्था सस्ती और कम ऊर्जा खपत वाली होती है।

बयान के अनुसार, यह गठजोड़ देश में कूलिंग कार्ययोजना (आईसीएपी) और स्मार्ट सिटी मिशन के अनुरूप है। इसका उद्देश्य प्रमुख शहरी क्षेत्रों और वाणिज्यक तथा औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जिला कूलिंग प्रणाली (डीसीएस) के साथ-साथ व्यक्तिगत इमारतों में कूलिंग उपकरणों की तैनाती के माध्यम से ठंडा करने का समाधान प्रदान करना है।

यह सहयोग हवाई अड्डों, आईटी पार्क, विशेष आर्थिक क्षेत्रों, डेटा केंद्रों और अन्य औद्योगिक और वाणिज्यिक संपत्तियों जैसे उच्च-मांग वाले परिवेश पर केंद्रित है। इन जगहों पर कूलिंग समाधान के माध्यम से ऊर्जा के उपयोग को 40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है जिससे कार्बन उत्सर्जन में 50 प्रतिशत तक की कटौती में मदद मिल सकती है।

टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तरुण कटियार ने कहा, ‘‘कूलिंग कार्ययोजना और स्मार्ट सिटी मिशन का समर्थन कर, हम नवोन्मेषी, कुशल ‘कूलिंग एज ए सर्विस’ समाधानों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं जो शहरी और ऊर्जा-गहन केंद्रों में ऊर्जा-कुशल परिवेश को बढ़ावा देते हैं। इसके साथ ही, हम 2030 तक ऊर्जा दक्षता में सुधार की दर को दोगुना करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य में योगदान देंगे।’’

भाषा रमण अजय

अजय अनुराग

अनुराग

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)