चालू सत्र में चीनी उत्पादन 15 प्रतिशत घटकर 2.70-2.72 करोड़ टन रह सकता है: इस्मा, एनएफसीएसएफएल |

चालू सत्र में चीनी उत्पादन 15 प्रतिशत घटकर 2.70-2.72 करोड़ टन रह सकता है: इस्मा, एनएफसीएसएफएल

चालू सत्र में चीनी उत्पादन 15 प्रतिशत घटकर 2.70-2.72 करोड़ टन रह सकता है: इस्मा, एनएफसीएसएफएल

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Modified Date: January 31, 2025 / 08:24 PM IST
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Published Date: January 31, 2025 8:24 pm IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश भारत में चीनी उत्पादन सितंबर में समाप्त होने वाले चालू 2024-25 सत्र में 15 प्रतिशत घटकर 2.7-2.72 करोड़ टन रहने का अनुमान है। दो उद्योग निकायों में यह आशंका जताई गई है।

राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड (एनएफसीएसएफएल) ने 2024-25 सत्र के लिए एथनॉल उत्पादन के लिए डायवर्जन के बाद 2.7 करोड़ टन यानी चीनी उत्पादन कम रहने का अनुमान लगाया है, जबकि पिछले वर्ष यह उत्पादन 3.19 करोड़ टन रहा था।

भारतीय चीनी और जैव ऊर्जा विनिर्माता संघ (इस्मा) ने भी शुक्रवार को जारी अपने दूसरे अनुमान में 2024-25 सत्र के लिए चीनी उत्पादन घटकर 2.72 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया है, जबकि पिछले वर्ष यह 3.19 करोड़ टन था।

तीनों प्रमुख उत्पादक राज्यों – उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में उत्पादन घटने की संभावना है।

एनएफसीएसएफएल के आंकड़ों के अनुसार, 31 जनवरी तक चीनी उत्पादन 1.65 करोड़ टन तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की समान अवधि के 1.87 करोड़ टन से कम है।

दोनों उद्योग निकायों ने चीनी उत्पादन में संभावित गिरावट के लिए मौसम चक्र में बदलाव के कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने में जल्दी फूल आने को जिम्मेदार ठहराया है।

इस्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गन्ने की पैदावार और चीनी की प्राप्ति दर पिछले साल की तुलना में कम है, जिसका मुख्य कारण व्यापक रूप से संक्रमण और वैरिएटल प्रतिस्थापन है।

इसी तरह, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे दो अन्य प्रमुख राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून व मानसून के बाद अधिक वर्षा से कई गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में जल्दी फूल आने के कारण गन्ना उपज कम मिल रही है।

एनएफसीएसएफएल के अध्यक्ष हर्षवर्धन पाटिल ने कहा कि इन कारणों से, सत्र के अंत तक शुरू में अपेक्षित चीनी उत्पादन में कमी आ सकती है।

उन्होंने कहा कि इन दोनों राज्यों में मिलों का पेराई सत्र भी अपेक्षा से पहले समाप्त होने की संभावना है।

इस्मा ने इस वर्ष 30 सितंबर तक 62.5 लाख टन का पहले का बचा जमा भंडार रहने का अनुमान लगाया है।

भाषा राजेश राजेश अनुराग

अनुराग

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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