नईदिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोरी के कारण शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है। गुरुवार को सेंसेक्स 587.44 अंक नीचे जाकर 36,472.93 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी भी 182 अंक गिरकर 10,736.40 पर बंद हुआ। बीएसई का मिड कैप इंडेक्स 1.3 फीसदी और स्मॉल कैप इंडेक्स 2.2 फीसदी टूटकर बंद हुआ। इस गिरावट से छोटे और मझोले शेयरों को काफी नुकसान हुआ है।
गुरूवार को सुबह बढ़त के साथ बाजार की ओपनिंग हुई थी। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 37,087.58 के ऊपरी स्तर और 36,391.35 के निचले स्तर को छुआ। बाजार में लगातार गिरावट से निवेशक घबराए हुए हैं। देश में मंदी की आहट से निवेशक बाजार में पैसे लगाने से बच रहे हैं। सबसे बुरा हाल ऑटोमोबाइल्स, बैंकिंग और रियल एस्टेट सेक्टर का है। इसकी बडत्री वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोरी के संकेत को बताया जा रहा है। वहीं डॉलर लगातार रुपए पर हावी होता जा रहा है।
शेयर बाजार में यह अस्थिरता बजट के बाद से पैदा हुई है। इसकी वजह से सेसेंक्स और निफ्टी का ग्राफ लाल निशान की तरफ बढ़ रहा है। बजट से पहले बाजार में मजबूती दिखाई दी थी। सेंसेक्स ने 40 हजार के आंकड़े को भी छुआ था। वहीं घरेलू शेयर बाजारों में बिकवाली और विदेशी पूंजी के देश से बाहर निकलने के असर से रुपया गुरुवार को 25 पैसे और कमजोर हो गया। भारतीय रुपया डॉलर के खिलाफ 71.81 रुपये पर बंद हुआ, जो साल का सबसे निचला स्तर है।
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जानकार बताते हैं कि वाहन, उपभोग और रियल्टी क्षेत्रों का परिदृश्य अभी भी धुंधला है, जिसके कारण निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकालकर सुरक्षित जगहों पर लगा रहे हैं। निर्यात गिरने और विदेशी पूंजी के देश छोड़ कर निकलने के कारण रुपया 6 महीने के निचले स्तर पर गिर गया है।
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