चेन्नई, 29 जुलाई (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम सब्सिडी के केंद्रीय हिस्से की सीमा को खत्म करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए।
स्टालिन ने मोदी को लिखे एक पत्र में कहा कि तमिलनाडु में फसल बीमा योजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया है और राज्य के ईमानदार प्रयासों और सर्वोत्तम प्रथाओं के कारण बीमित क्षेत्र और किसानों के नामांकन में भारी वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि हालांकि पिछले पांच वर्षों में प्रीमियम सब्सिडी में राज्य की हिस्सेदारी 28.07 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक दर से बढ़ी है।
स्टालिन ने लिखा, ‘‘इस वजह से योजना के बहुत से उद्देश्य बाधित हो गए हैं, क्योंकि तमिलनाडु सरकार को बढ़ती वित्तीय देनदारी के कारण इस योजना को जारी रखना कठिन हो रहा है, खासतौर से इस महामारी के दौरान। ’’
शुरुआत (2016-17) में इस बीमा योजना में प्रीमियम बंटवारा 49:49:2 के आधार पर होता था। यानी, केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 49-49 प्रतिशत थी, जबकि किसान को दो प्रतिशत राशि ही देनी होती थी। अब केंद्र ने अपना योगदान सिंचित भूमि के लिए 25 प्रतिशत और वर्षा सिंचित क्षेत्र के लिए 30 प्रतिशत पर रोक दिया है। इस वजह से प्रीमियम की राशि में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ गई है।
प्रीमियम सब्सिडी में राज्य का हिस्सा 2016-17 में 566 करोड़ रुपये था, जो 2020-21 में 239 प्रतिशत बढ़कर 1,918 करोड़ रुपये हो गया।
स्टालिन ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सूचीबद्ध बीमा कंपनियों द्वारा प्रीमियम दरों में बढ़ोतरी के कारण यह राशि 2021-22 के दौरान बढ़कर 2,500 करोड़ रुपये हो गई है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान किसानों के आर्थिक नुकसान को कम करने के नेक इरादे से शुरू की गई यह योजना पिछले कुछ वर्षों में राज्यों के लिए एक भारी दायित्व बन गई है।
स्टालिन ने प्रधानमंत्री से प्रीमियम सब्सिडी के लिए 49:49:2 के फार्मूले को फिर से बहाल करने का अनुरोध किया।
भाषा पाण्डेय
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