नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को कहा कि कुछ राज्यों ने धन जुटाने के लिए बिजली कंपनियों को सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव दिया है।
उन्होंने कहा कि 2030 तक बिजली इकाइयों में 42 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी।
राज्यों के बिजली मंत्रियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए लाल ने कहा कि देश में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में निवेश की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि भारत ने इस साल मई में 250 गीगावाट की अबतक की सबसे अधिक मांग को पूरा किया है। आने वाले समय में बिजली की मांग और बढ़ेगी।
मई में 250 गीगावाट बिजली की मांग में से जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली की हिस्सेदारी 200 गीगावाट थी। बाकी मांग नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से आई।
मंत्री ने कहा कि बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बिजली क्षेत्र को 2030 तक 42 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि पारेषण और उत्पादन कंपनियों को सूचीबद्ध किया जा सकता है, लेकिन बिजली वितरण इकाइयों को सूचीबद्ध होने से पहले अपनी रैंकिंग में सुधार करना होगा।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
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