मुंबई, 23 मार्च (भाषा) सीमा शुल्क विभाग ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि अगर 1.4 अरब अमेरिकी डॉलर की कर मांग के संबंध में स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया को राहत मिली, तो इसके ”भयावह परिणाम होंगे।”
कंपनी ने कर मांग की नोटिस को ”समयसीमा के आधार पर” खारिज करने का आग्रह किया है। उसका कहना है कि सीमा शुल्क विभाग की कानूनी कार्रवाई अब वैध नहीं है, क्योंकि उसे आगे बढ़ाने की समय सीमा बीत चुकी है।
इस महीने की शुरुआत में विभाग ने सितंबर 2024 के कारण बताओ नोटिस को चुनौती देने वाली स्कोडा की याचिका के जवाब में अपना हलफनामा दायर किया था।
न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ वाहन कंपनी की याचिका पर सुनवाई कर रही है। स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया ने कर मांग की नोटिस को मनमाना और अवैध बताया है।
अदालत ने पिछले महीने विभाग को हलफनामा दायर कर यह बताने के लिए कहा था कि उसकी कार्यवाही पर समयसीमा क्यों नहीं लागू होनी चाहिए।
विभाग ने हलफनामे में कहा कि अगर इस आधार पर कंपनी को कोई राहत दी जाती है तो यह कार आयातकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाने की एक बुरी मिसाल स्थापित करेगा और इसके भयावह परिणाम सामने आएंगे।
सीमा शुल्क विभाग ने कहा कि अगर नोटिस को रद्द किया जाता है, और राहत दी जाती है तो यह कंपनियों को जानकारी छिपाने और जांच में देरी करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
स्कोडा ने अपने आयात के बारे में आंकड़ों को रोककर मामले की जांच में देरी की और विभाग को अपने आयात के बारे में भ्रामक जानकारी दी। पाण्डेय
पाण्डेय
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