नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर विभाग से कहा कि पिछले दशक में कर अधिकारियों ने अदालतों में जो मुकदमें हारे हैं, उनका विश्लेषण किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्लेषण से जरूरी सबक लेने और मुकदमेबाजी को खत्म करने में मदद मिलेगी। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मंत्री ने विभाग से कर कानून के विशेषज्ञ अधिवक्ताओं की एक सूची तैयार करने को भी कहा है, ताकि वे राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष दिवाला मामलों सहित न्यायिक मंचों पर आयकर विभाग या राजस्व पक्ष का प्रभावी ढंग से प्रतिनिधित्व कर सकें।
पिछले महीने दिल्ली में कर विभाग और उसके प्रशासनिक प्राधिकरण केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के शीर्ष अधिकारियों की बैठक के दौरान ये निर्णय लिए गए।
उन्होंने कहा कि बैठक में सीबीडीटी के चेयरमैन, सदस्यों और अधिकारियों के अलावा आयकर विभाग के प्रधान मुख्य आयुक्त और महानिदेशक शामिल थे।
सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सीतारमण ने सीबीडीटी को निर्देश दिया कि पिछले 10 वर्षों में विभाग ने विभिन्न उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में जो मुकदमे जीते या हारे हैं, उनका विश्लेषण किया जाए।
सूत्रों के अनुसार उन्होंने विशेष रूप से हारे गए मामलों (राजस्व पक्ष द्वारा) का विश्लेषण करने को कहा, ताकि उनसे सबक लिया जा सके और सुधार के उपाये किए जा सकें।
भाषा पाण्डेय रमण
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