भुवनेश्वर, 17 जनवरी (भाषा) सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्नम शुक्रवार को ओडिशा की दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे। इस दौरान सिंगापुर और ओडिशा के बीच कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्य सचिव मनोज आहूजा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भुवनेश्वर के बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति षणमुगरत्नम और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘सिंगापुर गणराज्य के राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्नम का भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री मोहन माझी द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यह गर्व का क्षण है क्योंकि ओडिशा सम्मानित नेता की मेजबानी कर रहा है, जिससे मित्रता और सहयोग के बंधन मजबूत हो रहे हैं।’’
सिंगापुर के राष्ट्रपति की यह यात्रा 28 और 29 जनवरी को होने वाले व्यापार सम्मेलन ‘उत्कर्ष ओडिशा: मेक-इन-ओडिशा कॉन्क्लेव’ से कुछ दिन पहले हो रही है।
सिंगापुर के राष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान सिंगापुर और ओडिशा के बीच कम से कम आठ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। ये समझौते कौशल विकास, औद्योगिक बुनियादी ढांचे और टिकाऊ ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे।
महत्वपूर्ण समझौतों में से एक तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) को बढ़ाना है, जिसमें ओडिशा के कौशल विकास परिवेश को मजबूत करने के लिए सेमीकंडक्टर उद्योग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
एक अन्य समझौता ओडिशा औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम (आईडीसीओ) और सिंगापुर के सेम्बकॉर्प के बीच होगा जो औद्योगिक अवसंरचना परियोजनाओं के लिए होगा। इसके अतिरिक्त, भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) सिंगापुर के सुरबाना जुरोंग के साथ मिलकर एक नया शहर विकसित करेगा।
हरित हाइड्रोजन गलियारा और पेट्रोकेमिकल एवं पेट्रोलियम निवेश क्षेत्र (पीसीपीआईआर) विकसित करने के लिए भी समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
षणमुगरत्नम का विश्व कौशल केंद्र का भी दौरा करने का कार्यक्रम है, जिसे एशियाई विकास बैंक से वित्त पोषण के साथ सिंगापुर के तकनीकी शिक्षा एवं शिक्षा सेवा संस्थान (आईटीईईएस) ने यहां स्थापित किया है।
राष्ट्रपति षणमुगरत्नम 18 जनवरी को कोणार्क के सूर्य मंदिर और राज्य की राजधानी के बाहरी इलाके में भारत बायोटेक के टीका विनिर्माण संयंत्र का दौरा करेंगे।
माझी ने संवाददाताओं से कहा कि दोनों पक्षों की वार्ता शहरी नियोजन, बंदरगाह प्रबंधन, हरित ऊर्जा, कौशल विकास और लॉजिस्टिक में संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित होगी।
भाषा धीरज मनीषा रमण
रमण
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