वायदा, विकल्प कारोबार में तेज वृद्धि निवेशकों के लिए चुनौती: आरबीआई रिपोर्ट |

वायदा, विकल्प कारोबार में तेज वृद्धि निवेशकों के लिए चुनौती: आरबीआई रिपोर्ट

वायदा, विकल्प कारोबार में तेज वृद्धि निवेशकों के लिए चुनौती: आरबीआई रिपोर्ट

:   Modified Date:  June 27, 2024 / 10:04 PM IST, Published Date : June 27, 2024/10:04 pm IST

मुंबई, 27 जून (भाषा) हाल के वर्षों में वायदा और विकल्प (एफएंडओ) खंड में कारोबार मात्रा में तेज वृद्धि से कई चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। इसका कारण यह है जो खुदरा निवेशक जोखिम प्रबंधन का पालन नहीं कर रहे हैं वे बाजार में अचानक आने वाले उतार-चढ़ाव से प्रभावित हो सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।

हाल के वर्षों में शेयर वायदा एवं विकल्प खंड में खुदरा निवेशकों की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। यह 2023-24 में 42.8 प्रतिशत बढ़कर 95.7 लाख हो गया है। 2022-23 में यह 65 लाख था।

आरबीआई की छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में कहा गया है कि वायदा एवं विकल्प खंड में कारोबारी मात्रा में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। लेकिन ‘प्रीमियम टर्नओवर’ के तहत मापे जाने पर कारोबारी मात्रा में एक रैखिक वृद्धि का प्रतिरूप देखा गया है।

नकदी बाजार के अनुपात में ‘प्रीमियम टर्नओवर’ पिछले तीन वर्षों में स्थिर बना हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, इक्विटी वायदा एवं विकल्प (इक्विटी डेरिवेटिव) बाजार मूल्य तलाशने में सुधार कर सकता है और अंतर्निहित नकदी बाजार में बाजार की तरलता बढ़ा सकता है। हालांकि, यह उच्च जोखिमों से भी जुड़ा है।

इसमें कहा गया है कि चूंकि ‘डेरिवेटिव’ बाजार अधिक जटिल है, इसलिए निवेशक सुरक्षा जरूरी है।

सेबी के जनवरी, 2023 में प्रकाशित एक शोध से पता चला कि वित्त वर्ष 2018-19 से 2021-22 के दौरान वायदा एवं विकल्प खंड में 89 प्रतिशत व्यक्तिगत प्रतिभागियों ने पैसा गंवाया है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘…हाल के वर्षों में वायदा एवं विकल्प खंड में कारोबारी मात्रा तेज वृद्धि कई चुनौतियां पैदा कर सकती है। खुदरा निवेशक उचित जोखिम प्रबंधन किये बिना बाजार में अचानक उतार-चढ़ाव से प्रभावित हो सकते हैं और इसका नकदी बाजार पर असर पड़ सकता है…।’’

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने निवेशक सुरक्षा के साथ-साथ समग्र प्रणालीगत जोखिम प्रबंधन के दृष्टिकोण से वायदा एवं विकल्प बाजारों की समीक्षा करने के लिए एक विशेषज्ञ कार्य समूह का गठन किया है।

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)