वर्ष 2030 तक वस्तुओं के निर्यात को पीछे छोड़ देगा सेवा निर्यात : जीटीआरआई |

वर्ष 2030 तक वस्तुओं के निर्यात को पीछे छोड़ देगा सेवा निर्यात : जीटीआरआई

वर्ष 2030 तक वस्तुओं के निर्यात को पीछे छोड़ देगा सेवा निर्यात : जीटीआरआई

:   Modified Date:  November 20, 2024 / 08:33 PM IST, Published Date : November 20, 2024/8:33 pm IST

नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) भारत अपने निर्यात रुझान में बड़े बदलाव के लिए तैयार है और 2030 तक सेवा क्षेत्र का निर्यात वस्तु निर्यात से आगे निकलकर 618 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने बुधवार को यह बात कही।

वित्त वर्ष 2018-19 और 2023-24 के बीच, देश का माल निर्यात 5.8 प्रतिशत की सालाना दर (सीएजीआर) से बढ़ा है, जबकि सेवा निर्यात की वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रही है।

जीटीआरआई ने कहा, “इस दर से, वित्त वर्ष 2029-30 तक सेवा निर्यात 618.21 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जो माल निर्यात से आगे निकल जाएगा। माल निर्यात उस समय 613.04 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।”

इसमें कहा गया है कि भारत के सेवा क्षेत्र में सबसे अधिक वृद्धि दो श्रेणियों – सॉफ्टवेयर और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवाएं, तथा अन्य व्यावसायिक सेवाएं (ओबीएस) से आती है। पिछले वित्त वर्ष में इनका कुल निर्यात में 86.4 प्रतिशत योगदान रहा।

ओबीएस में कानूनी, लेखांकन, कर परामर्श, प्रबंधन परामर्श और बाजार अनुसंधान जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि ओबीएस ने 2023-24 में 102.8 अरब डॉलर का निर्यात किया, जो कुल सेवा निर्यात का 33.2 प्रतिशत है।

इसमें कहा गया है कि ये उद्योग देश के अत्यधिक कुशल कार्यबल और इसके बढ़ते आईटी बुनियादी ढांचे का लाभ उठाते हैं।

‘दूरसंचार, कंप्यूटर और सूचना सेवाओं’ की व्यापक श्रेणी के अंतर्गत समूहीकृत सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं ने 2023-24 में भारत के निर्यात में 190.7 अरब डॉलर का योगदान दिया।

यह खंड कुल सेवा निर्यात की 56.2 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है।

भाषा अनुराग अजय

अजय

 

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