मुंबई, 27 जनवरी (भाषा) कमजोर वैश्विक रुझानों के बीच सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और तेल एवं गैस शेयरों में भारी बिकवाली के बीच प्रमुख शेयर सूचकांक बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 824 अंक से अधिक टूटकर सात माह के निचले स्तर पर आ गया।
कमजोरी के रुख के बीच 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 824.29 अंक या 1.08 प्रतिशत गिरकर 75,366.17 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 23 शेयर गिरावट के साथ और सात शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। दिन के कारोबार में सेंसेक्स 75,925.72 के ऊपरी और 75,267.59 के निचले स्तर के बीच घूमता रहा।
दूसरी ओर 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 263.05 अंक या 1.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,829.15 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी छह जून, 2024 के बाद पहली बार 23,000 अंक के स्तर से नीचे आया है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘दुनियाभर में कमजोर कारोबारी धारणा और कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने के बीच विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक बिकवाली ने भारतीय बाजार को गिरा दिया।”
नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में व्यापार टकराव जारी रहने से कारोबारी भावनाएं और कमजोर हुईं। ऐसे में इस सप्ताह भी अस्थिरता बनी रहेगी, क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज निर्धारण समिति की बैठक, मासिक सौदों के निपटान और आम बजट को लेकर जोखिम बने हुए हैं।’’
आईटी, दूरसंचार, उपयोगिता, बिजली, टिकाऊ उपभोक्ता सामान, तेल और गैस तथा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट हुई। अमेरिकी व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रवासियों के मुद्दे पर कोलंबिया पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है। हालांकि, कोलंबिया के निर्वासित प्रवासियों को वापस लेने पर सहमत होने के बाद इस निर्णय को उलट दिया गया। गौरतलब है कि कोलंबिया अमेरिका का एक करीबी सहयोगी है।
सेंसेक्स के शेयरों में एचसीएल टेक में सबसे अधिक 4.49 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा जोमैटो, टेक महिंद्रा, पावरग्रिड, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारती एयरटेल के शेयर भी नीचे आए।
दूसरी ओर आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एमएंडएम, एसबीआई और एलएंडटी के शेयर लाभ में रहे।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों से कमजोर संकेत, इस सप्ताह के अंत में मासिक वायदा एवं विकल्प सौदों का निपटान, एफआईआई की लगातार निकासी और तीसरी तिमाही की सुस्त कॉरपोरेट नतीजों जैसे कारकों के चलते निवेशक अपने इक्विटी निवेश को कम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आईटी, दूरसंचार, धातु, तेल और गैस तथा रियल्टी में जोरदार बिकवाली ने सेंसेक्स को 76 हजार अंक से नीचे ला दिया।
इस दौरान बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 3.51 प्रतिशत और मिडकैप में 2.68 प्रतिशत की गिरावट आई।
क्षेत्रवार बात करें तो दूरसंचार में सबसे अधिक 3.83 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा आईटी (3.31 प्रतिशत), प्रौद्योगिकी (3.04 प्रतिशत), धातु (2.86 प्रतिशत), हेल्थकेयर (2.73 प्रतिशत), औद्योगिक क्षेत्र (2.63 प्रतिशत), तेल एवं गैस (2.42 प्रतिशत) जिंस (2.42 प्रतिशत) और उपयोगिता (2.41 प्रतिशत) में भी उल्लेखनीय गिरावट हुई।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 9,28,229.09 करोड़ रुपये घटकर 4,10,23,624.90 रुपये रह गया।
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और जापान का निक्की गिरकर बंद हुए। यूरोपीय बाजारों में भी शुरुआती सत्र में गिरावट दर्ज की गई।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 2,758.49 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.22 प्रतिशत बढ़कर 78.67 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)