विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने से सेंसेक्स 528 अंक लुढ़का, निफ्टी भी नुकसान में |

विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने से सेंसेक्स 528 अंक लुढ़का, निफ्टी भी नुकसान में

विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने से सेंसेक्स 528 अंक लुढ़का, निफ्टी भी नुकसान में

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Modified Date: January 9, 2025 / 05:56 PM IST
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Published Date: January 9, 2025 5:56 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

मुंबई, नौ जनवरी (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा और प्रमुख मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 528 अंक लुढ़क गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 162 अंक के नुकसान में रहा।

कारोबारियों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने के बीच एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया। निवेशक कंपनियों के तिमाही परिणाम को लेकर असमंजस में हैं, जिससे बिकवाली तेज हुई।

इसके अलावा, चीन में बेहद कम मुद्रास्फीति का आंकड़ा खराब मांग का संकेत है।

सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टीसीएस का दिसंबर तिमाही का परिणाम बृहस्पतिवार को बाजार बंद होने के बाद आया। कंपनी का चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 11.95 प्रतिशत बढ़कर 12,380 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 528.28 अंक यानी 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78,000 अंक के स्तर से नीचे 77,620.21 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान एक समय यह 605.57 अंक तक टूट गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 162.45 अंक यानी 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,526.50 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से टाटा स्टील, जोमैटो, लॉर्सन एंड टुब्रो, टाटा मोटर्स, अदाणी पोर्ट्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं।

दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, एशियन पेंट्स और भारती एयरटेल शामिल हैं।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 3,362.18 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 1.17 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मिडकैप 0.96 प्रतिशत के नुकसान में रहा।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘एशिया के अन्य बाजारों की तरह भारतीय शेयर बाजारों में भी गिरावट रही। निवेशकों के सतर्क रुख के साथ अमेरिकी बॉन्ड में बिकवाली की गयी। अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल अप्रैल, 2024 से उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। यह फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में कम कटौती का संकेत है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, चीन में मुद्रास्फीति के निराशाजनक आंकड़े ने दबाव बढ़ाया है। इससे संकेत मिलता है कि हाल के प्रोत्साहन उपाय दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार को गति देने में विफल रहे हैं।’’

चीनी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में दिसंबर में सालाना आधार पर 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि थोक मूल्यों में 2.3 प्रतिशत की गिरावट आई। यह दर्शाता है कि विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मांग अब भी सुस्त बनी हुई है।

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में जबकि जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे।

यूरोप के बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। अमेरिका में ज्यादातर बाजार बुधवार को बढ़त में रहे थे।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76.05 डॉलर प्रति बैरल रहा।

बीएसई सेंसेक्स में बुधवार को 50.62 अंक की गिरावट आई थी, जबकि एनएसई निफ्टी 18.95 अंक के नुकसान में रहा था।

भाषा निहारिका अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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