मुंबई, तीन अक्टूबर (भाषा) पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से पैदा हुई चिंता के बीच घरेलू स्तर पर शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को चौतरफा बिकवाली हुई और मानक सूचकांक दो प्रतिशत से अधिक टूट गए। सेंसेक्स में 1,769 अंक और निफ्टी में 547 अंक की भारी गिरावट दर्ज की गई।
विश्लेषकों ने कहा कि विदेशी कोषों की सतत निकासी और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।
यह शेयर बाजार में गिरावट का लगातार चौथा दिन रहा। बड़ी गिरावट के बीच निवेशकों की संपत्ति एक ही दिन में 9.78 लाख करोड़ रुपये घट गई।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 1,769.19 अंक यानी 2.10 प्रतिशत गिरकर 82,497.10 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,832.27 अंक टूटकर 82,434.02 अंक पर आ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 546.80 अंक यानी 2.12 प्रतिशत का गोता लगाते हुए 25,250.10 अंक पर आ गया।
सेंसेक्स की कंपनियों में से लार्सन एंड टुब्रो, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, मारुति, बजाज फिनसर्व, कोटक महिंद्रा बैंक, टाइटन, अदाणी पोर्ट्स और एचडीएफसी बैंक में खासी गिरावट दर्ज की गई।
बाजार की चौतरफा गिरावट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से अकेले जेएसडब्ल्यू स्टील ही बढ़त लेने में सफल रही।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘इजराइल पर ईरान की तरफ से बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के बाद घरेलू बाजारों में तेज गिरावट आई। दरअसल, अब इजराइल की तरफ से तेल उत्पादक ईरान पर जवाबी कार्रवाई करने की आशंका बढ़ गई है जो इस संघर्ष को बड़ा रूप दे सकता है।’’
नायर ने कहा, ‘‘वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) खंड के लिए सेबी के नए नियमों ने भी बाजार में सौदों की संख्या कम होने से जुड़ी चिंता बढ़ाने का काम किया है। इसके साथ चीन में बाजार का मूल्यांकन आकर्षक होने से विदेशी निवेशकों ने अब अपनी पूंजी का रुख उधर मोड़ दिया है जिससे भारतीय शेयरों पर दबाव बढ़ गया है।’’
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 5,579.35 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की थी।
व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक 2.27 प्रतिशत की बड़ी गिरावट पर रहा जबकि स्मालकैप सूचकांक में 1.84 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
क्षेत्रवार सूचकांकों में रियल्टी खंड में 4.49 प्रतिशत की सर्वाधिक गिरावट रही। पूंजीगत उत्पाद खंड 3.18 प्रतिशत और वाहन खंड 2.94 प्रतिशत के नुकसान में रहे। एक भी सूचकांक सकारात्मक दायरे में रहने में नाकाम रहा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के उप प्रमुख (खुदरा शोध) देवर्ष वकील ने कहा, ‘विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और एफआईआई के भारत से निकलकर चीन का रुख करने की आशंकाएं हावी रहीं। चीन की तुलना में घरेलू बाजारों के अधिक मूल्यांकन से इसे बल मिला।’
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट रही जबकि जापान का निक्की बढ़त के साथ बंद हुआ। चीन के शेयर बाजार सार्वजनिक अवकाश होने से सप्ताह के बाकी दिनों के लिए बंद रहेंगे।
यूरोप के ज्यादातर बाजार दोपहर में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। बुधवार को अमेरिकी बाजार मामूली बढ़त के साथ बंद हुए थे।
पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने के बीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.37 प्रतिशत बढ़कर 74.91 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर बुधवार को शेयर बाजार बंद रहे थे। मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 33.49 अंक गिरकर 84,266.29 अंक और एनएसई निफ्टी 13.95 अंक की मामूली गिरावट के साथ 25,796.90 अंक पर बंद हुआ था।
भाषा प्रेम
प्रेम रमण
रमण
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