एफआईआई की बिकवाली से सेंसेक्स 111 अंक टूटा, निफ्टी में छठे दिन गिरावट |

एफआईआई की बिकवाली से सेंसेक्स 111 अंक टूटा, निफ्टी में छठे दिन गिरावट

एफआईआई की बिकवाली से सेंसेक्स 111 अंक टूटा, निफ्टी में छठे दिन गिरावट

:   Modified Date:  November 14, 2024 / 05:01 PM IST, Published Date : November 14, 2024/5:01 pm IST

मुंबई, 14 नवंबर (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला बृहस्पतिवार को भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 111 अंक और नीचे आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने, कंपनियों के तिमाही परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं होने तथा महंगाई बढ़ने के बीच बाजार में गिरावट रही।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स में लगातार तीसरे दिन गिरावट रही और यह 110.64 अंक यानी 0.14 प्रतिशत टूटकर 77,580.31 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 266.14 अंक तक लुढ़क गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 26.35 अंक यानी 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,532.70 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में लगातार छठे दिन गिरावट रही।

सेंसेक्स के तीस शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, एनटीपीसी, नेस्ले, इंडसइंड बैंक, पावर ग्रिड, अदाणी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स और बजाज फिनसर्व प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।

दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 2,502.58 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 6,145.24 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार में कारोबार हल्का रहा। हालांकि, पूरे कारोबार के दौरान कुछ स्थिरता देखने को मिली। लेकिन स्थिरता के रुख को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है क्योंकि एफआईआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं। सकारात्मक पहलू यह है कि उनकी बिकवाली की रफ्तार अब कम हो रही है।’’

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर चार महीने के उच्चस्तर 2.36 प्रतिशत पर पहुंच गई। खाद्य वस्तुओं खासकर, सब्जियों तथा विनिर्मित वस्तुओं के दाम में तेजी इसकी मुख्य वजह रही।

वहीं मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में 14 महीने के उच्चस्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गयी। यह भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर (दो से छह प्रतिशत) से अधिक है।

मेहता इक्विटीज लि. के उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘बाजार में कारोबार सीमित दायरे में रहा। दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी), तेल एवं गैस तथा बिजली शेयरों में बिकवाली से धारणा प्रभावित हुई। हल्के रुख के बावजूद रियल्टी, वाहन, बैंक तथा दूरसंचार शेयरों में चुनिंदा लिवाली से नुकसान सीमित रहा।’’

छोटी कंपनियों के शेयरों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.83 प्रतिशत चढ़ा जबकि मझोली कंपनियों के शेयरों से संबंधित मिडकैप 0.41 प्रतिशत मजबूत हुआ।

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी बढ़त में रहा।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी रही। अमेरिकी बाजारों में बुधवार को मिला-जुला रुख रहा।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72.24 डॉलर प्रति बैरल रहा।

सेंसेक्स बुधवार को 984.23 अंक लुढ़का था, जबकि निफ्टी में 324.40 अंक की गिरावट रही थी।

शेयर बाजार शुक्रवार को ‘गुरु नानक जयंती’ के मौके पर बंद रहेंगे।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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