नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को इक्विटी शेयर के राइट्स इश्यू के लिए प्रसंस्करण समय को घटाकर 23 दिन कर दिया है। इस पहल का मकसद इसे कोष जुटाने का तरजीही विकल्प बनाना है।
इसके अलावा, नियामक ने राइट्स इश्यू के मामले में संबंधित निवेशकों को आवंटन को लेकर लचीली व्यवस्था प्रदान की है। इसके तहत सेबी ने टिप्पणी जारी करने के लिए पेशकश का मसौदा दाखिल करने की वर्तमान आवश्यकता को समाप्त कर दिया है। इसके बजाय इसे सैद्धांतिक मंजूरी के लिए शेयर बाजारों को दिया जाएगा क्योंकि कंपनी पहले से ही एक सूचीबद्ध इकाई है।
इस कदम से कारोबार सुगम होगा और राइट्स इश्यू की प्रक्रिया तेज होगी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि रूपरेखा के तहत राइट्स इश्यू को जारी करने वाली कंपनी के निदेशक मंडल की मंजूरी की तारीख से 23 कार्य दिवसों के भीतर पूरा किया जाएगा। वर्तमान में औसत समयसीमा 317 दिन है।
यह व्यवस्था तरजीही आधार पर शेयर आवंटन विकल्प से भी तेज होगी जिसमें 40 कार्य दिवस लगते हैं।
इसके अलावा, यह कदम कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों को कंपनी के भविष्य की वृद्धि में और भी अधिक भाग लेने का अवसर देगा।
सेबी ने कहा कि राइट्स इश्यू को आवेदन के लिए कम-से-कम सात दिन और अधिकतम 30 दिन के लिए खुला रखा जाएगा।
नियामक ने एक अलग अधिसूचना में कहा कि राइट्स इश्यू जारी करने वाला शेयर बाजारों के पास प्रस्ताव पत्र का मसौदा दाखिल करेगा।
शेयर बाजारों और डिपॉजिटरी को छह महीने की अवधि में आवेदनों के स्वचालित सत्यापन के लिए एक प्रणाली विकसित करने का निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा, सेबी ने प्रस्ताव पत्र की सामग्री को तर्कसंगत बनाया है ताकि इसमें राइट्स इश्यू के बारे में केवल प्रासंगिक जानकारी शामिल हो। इसमें जारी करने का उद्देश्य, मूल्य, रिकॉर्ड तिथि और पात्रता अनुपात आदि शामिल हैं।
नियामक ने जारीकर्ता द्वारा मर्चेंट बैंकर की नियुक्ति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है और इसे 23 कार्य दिवसों की समयसीमा के भीतर राइट्स इश्यू को पूरा करने के अधीन वैकल्पिक बना दिया है।
भाषा रमण अजय
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