नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यम) आईपीओ के लिए आवेदन को लेकर न्यूनतम निवेश सीमा चार लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव किया। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि केवल पर्याप्त जोखिम लेने तथा निवेश की क्षमता वाले निवेशक ही आवेदन कर सकें।
यह कदम एसएमई निर्गम में तेज वृद्धि के बाद उठाया गया है। इन निर्गमों में निवेशकों की अच्छी-खासी भागीदारी रही है।
एसएमई निर्गम में वृद्धि के साथ, ऐसी पेशकशों में निवेशकों की भागीदारी भी काफी बढ़ गई है। आवंटित निवेशक-आवेदक अनुपात वित्त वर्ष 2021-22 में चार गुना था, यह वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 46 गुना और वित्त वर्ष 2023-24 में 245 गुना हो गया है।
सेबी ने अपने परामर्श पत्र में कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में एसएमई आईपीओ में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है। एसएमई आईपीओ में जोखिम ज्यादा है और सूचीबद्धता के बाद धारणा बदलती है तो उनके फंसने का खतरा होता है। इसको देखते हुए, छोटे खुदरा निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए एसएमई आईपीओ में न्यूनतम आवेदन का आकार एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का प्रस्ताव है।’’
इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल जोखिम लेने की क्षमता और जानकारी रखने वाले निवेशक ही एसएमई आईपीओ में आवेदन करें।
उच्च निवेश सीमा छोटे निवेशकों की भागीदारी को कम करेगी और जोखिम लेने की क्षमता वाले निवेशकों को आकर्षित करेगी। इससे एसएमई खंड को लेकर भरोसा बढ़ेगा।
एक अन्य प्रस्ताव में निवेश सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये प्रति आवेदन करने का सुझाव दिया गया है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस बारे में लोगों से चार दिसंबर तक सुझाव देने को कहा है।
भाषा रमण अजय
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