नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को स्टार्टअप में एंजल कोष के निवेश की अधिकतम सीमा बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया। इस कदम से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी कंपनियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने परामर्श पत्र में कहा कि न्यूनतम निवेश सीमा को वर्तमान 25 लाख रुपये से घटाकर 10 लाख रुपये और अधिकतम निवेश सीमा को मौजूदा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये किये जाने का प्रस्ताव है।
इसके अतिरिक्त, नियामक ने केवल ‘मान्यता प्राप्त निवेशकों’ को एंजेल कोष में निवेश करने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है। इसका मकसद कोष जुटाने की उनकी प्रक्रियाओं को तर्कसंगत बनाना, खुलासे के साथ-साथ संचालन व्यवस्था की आवश्यकताओं को मजबूत करना और परिचालन स्पष्टता तथा निवेश के स्तर पर मजबूती प्रदान करना है।
इन प्रस्तावों का उद्देश्य एंजेल कोष को उन निवेशकों तक सीमित करना है जिनके पास जोखिम लेने और निवेश प्रस्तावों का मूल्यांकन करने की क्षमता है। साथ ही इससे क्षेत्र में कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर होगी।
एंजेल कोष श्रेणी I वैकल्पिक निवेश कोष…उद्यम पूंजी कोष… का प्रकार है। इसके तहत स्टार्टअप को एजेंल निवेशकों से पूंजी उपलब्ध करायी जाती है।
सेबी के पास 31 मार्च, 2024 तक 82 एंजल कोष पंजीकृत थे। इनकी कुल प्रतिबद्धता 7,053 करोड़ रुपये और निवेश 3,343 करोड़ रुपये था।
सेबी ने अपने परामर्श पत्र में कहा, ‘‘किसी भी स्टार्टअप में एंजेल कोष द्वारा निवेश न्यूनतम 10 लाख रुपये और अधिकतम 25 करोड़ रुपये होगा।’’
नियामक ने प्रस्ताव पर 28 नवंबर तक लोगों से सुझाव मांगे हैं।
भाषा रमण अजय
अजय
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