नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को सूचीबद्ध इकाइयों के लिए लाभांश, ब्याज जैसे सभी भुगतान केवल इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से देने का प्रस्ताव किया।
इसका उद्देश्य भुगतान प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना तथा सभी निवेशकों के लिए सुरक्षा, सुविधा और दक्षता बढ़ाना है।
सेबी के वर्तमान एलओडीआर (सूचीबद्धता दायित्व और खुलासा जरूरत) नियम इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की अनुमति देते हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण विफल होने पर चेक या वारंट की अनुमति भी देते हैं। यह विशेष रूप से 1,500 रुपये से अधिक की राशि के लिए है।
सेबी ने कहा कि भुगतान में विफलता तब होती है जब प्रतिभूतिधारक का बैंक विवरण गलत या उपलब्ध नहीं होता है, जिसके लिए कंपनियों को चेक भेजने की आवश्यकता होती है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, शीर्ष 200 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए 1.29 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक लाभांश भुगतान विफल हो जाते हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने परामर्श पत्र में डीमैट और भौतिक रूप से शेयर रखने वाले दोनों प्रतिभूतिधारकों के लिए लाभांश और ब्याज सहित सभी भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप में करने का प्रस्ताव दिया है।
निवेशकों को सुचारू भुगतान सुनिश्चित करने के लिए डिपॉजिटरी प्रतिभागियों के साथ अपने सही बैंक विवरण अद्यतन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सेबी ने प्रस्ताव पर 11 अक्टूबर तक लोगों से टिप्पणियां मांगी हैं।
भाषा अनुराग रमण
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