नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों के लिए निष्क्रिय और बिना दावे वाले म्यूचुअल फंड (एमएफ) फोलियो का पता लगाने के लिए मंगलवार को एक सेवा मंच विकसित करने का प्रस्ताव रखा।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने परामर्श पत्र में कहा कि ‘म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट ट्रेसिंग एंड रिट्रिवल असिस्टेंट’ (एमआईटीआर) नाम के प्रस्तावित सेवा मंच का विकास रजिस्ट्रार एवं ट्रांसफर एजेंट (आरटीए) करेगा।
प्रस्तावित मंच निवेशकों को भूले हुए एमएफ निवेशों की खोज करने, मौजूदा मानकों के अनुरूप केवाईसी को अद्यतन करने और धोखाधड़ी से भुनाने के जोखिम को कम करने को सुरक्षा उपायों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
इसके साथ ही यह मंच बिना दावे वाले म्यूचुअल फंड फोलियो में कमी लाने में मददगार बनेगा और एक पारदर्शी वित्तीय पारिस्थितिकी बनाने में योगदान देगा।
सेबी ने कहा कि म्यूचुअल फंड निवेशक कभी-कभी अपने निवेश पर नजर नहीं रख पाते हैं। इसकी वजह यह हो सकती है कि निवेश न्यूनतम केवाईसी ब्योरे के साथ भौतिक रूप में किया गया हो।
ओपन-एंडेड ग्रोथ ऑप्शन वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश तब तक निवेशित रह सकता है जब तक कि निवेशक, उसका नामित व्यक्ति या वैध उत्तराधिकारी संबंधित परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) से उसे भुनाने या हस्तांतरण के लिए संपर्क न करे।
पैन, ईमेल आईडी या वैध पता उपलब्ध न होने से यह भी संभव है कि ये एमएफ फोलियो यूनिटधारक के एकीकृत खाता विवरण में दिखाई भी न दे रहा हो। इस तरह ये म्यूचुअल फंड खाते निष्क्रिय हो जाते हैं जो फर्जीवाड़ा कर भुनाए जाने के लिहाज से बेहद संवेदनशील हो जाते हैं।
इस चिंता को दूर करने के लिए सेबी ने इस सेवा मंच को आरटीए द्वारा विकसित करने का प्रस्ताव रखा है। इस मंच का प्रबंधन दो पात्र आरटीए – कंप्यूटरएज मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (सीएएमएस) और केफिन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड संयुक्त रूप से कर सकते हैं।
सेबी ने इस प्रस्ताव पर सात जनवरी तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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