नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को अनुपालन शर्तों में ढील देने के लिए एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) जैसी ‘पैसिव’ म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए एक आसान नियामकीय ढांचे का प्रस्ताव रखा।
‘पैसिव’ म्यूचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं के प्रबंधन में निहित अपेक्षाकृत कम जोखिम को ध्यान में रखते हुए सेबी ने ‘एमएफ लाइट’ का प्रस्ताव रखा है। इसका उद्देश्य अनुपालन जरूरतों को कम करना, नवोन्मेष को बढ़ावा देना, प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना और केवल निष्क्रिय योजनाएं लाने में दिलचस्पी रखने वाले म्यूचुअल फंड के प्रवेश को सुगम बनाना है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने परामर्श पत्र में कहा कि ‘पैसिव’ एमएफ योजनाओं के तहत ईटीएफ और इंडेक्स फंड से जुड़ी प्रतिभूतियों निवेश किया जाता है।
वहीं ‘एक्टिव फंड’ योजनाओं को विशेषज्ञ कोष प्रबंधकों की जरूरत होती है जो निवेश दर्शन को परिभाषित करते हैं और प्रतिभूतियों का चयन करते हैं।
हालांकि, एमएफ के लिए मौजूदा नियामकीय ढांचा सभी एमएफ योजनाओं के लिए समान रूप से लागू होता है। इनमें शुद्ध संपत्ति, पिछला प्रदर्शन और लाभप्रदता जैसी प्रवेश बाधाओं को लेकर कोई अंतर नहीं होता है।
मौजूदा नियामकीय ढांचे के विभिन्न प्रावधान ‘पैसिव’ योजनाओं के लिए प्रासंगिक नहीं हो सकते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए सेबी ने ‘पैसिव’ एमएफ योजनाओं के लिए एमएफ लाइट नियमन का प्रस्ताव किया है।
सेबी ने इस पर 22 जुलाई तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं।
भाषा प्रेम
प्रेम रमण
रमण
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