नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने जुर्माने का भुगतान न करने की स्थिति में होने वाली वसूली कार्यवाही पर ब्याज में छूट या कटौती की मांग से संबंधित प्रक्रिया शुक्रवार को जारी की।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि ब्याज में छूट या कटौती की मांग करने वाले आवेदक के अनुरोध को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 220(2ए) के तीन मानदंडों को पूरा करने वाले दस्तावेजों के साथ संबंधित वसूली अधिकारी के समक्ष पेश करना होगा।
आयकर अधिनियम की धारा 220(2ए) विशिष्ट परिस्थितियों में इस ब्याज में छूट या कटौती की मंजूरी देती है।
इस धारा के स्वीकृत मानदंडों में ऐसी राशि का भुगतान शामिल है जिससे आवेदक को वास्तविक कठिनाई हो, चूक आवेदक के नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण हुई हो और आवेदक ने किसी भी संबंधित जांच में सहयोग किया हो।
सेबी ने अपने परिपत्र में कहा कि इन आवेदनों को तभी अनुमति दी जाएगी जब मांग का नोटिस पहले ही दिया जा चुका हो और बकाया मूल राशि का पूरा भुगतान किया जा चुका हो।
इस आवेदन को सेबी का वसूली अधिकारी सक्षम प्राधिकारी के पास भेजेगा, जो 12 महीने के भीतर उस पर निर्णय लेगा।
इसके साथ ही यह परिपत्र के जारी होने के समय लंबित आवेदनों का भी 12 महीने के भीतर निपटारा कर दिया जाएगा।
सेबी और संबंधित कानून (सेबी अधिनियम, एससीआरए और डिपॉजिटरीज अधिनियम) आयकर अधिनियम, 1961 के कुछ प्रावधानों के तहत बकाया राशि की वसूली की अनुमति देते हैं। ये प्रावधान आवश्यक संशोधनों के साथ सेबी की वसूली प्रक्रिया पर लागू होते हैं।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
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